पूर्ण मुर्शिद का पैगाम आया, करते रहो इंसानियत की सेवा, ये संदेश लाया…
करनाल(सच कहूँ/विजय शर्मा)। विश्व में करोड़ों लोगों को बुराइयों छुड़वाकर मानवता का सही अर्थ समझाने वाले डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा 25 जुलाई को पत्र के माध्यम से भेजा गया संदेश पाकर डेरा अनुयायियों को विश्वास अपने गुरु के प्रति ओर अटूट हो चुका है। इंसानियत व जात-पात का भेदभाव मिटाकर कोरोना महाबीमारी में भी मानवता की बढ़-चढ़कर सेवा करने के इस ‘गुरु संदेश’ को पाकर इंसानियत के प्रहरियों के हौंसले और बुलंद हो चुके हैं।
वहीं करोड़ों डेरा अनुयायियों में भी अपने गुरु के प्रति अनोखा प्रेम देखने को मिल रहा है। कोई इस पत्र को सीने से लगाकर श्रद्धा के आंसू बहा रहा है, तो कोई इसे फ्रेम में जड़वा कर हर पल ताकता रहता है। इतना ही नहीं प्यारे पूर्ण मुर्शिद का प्यार भरा पैगाम आने पर डेरा अनुयायी खूनदान, राशन वितरण के साथ जरूरतमंदों की मदद कर खुशी मना रहे हैं। ब्लॉक करनाल में भी डेरा श्रद्धालुओं ने अपने खुशी के पलों को शब्दों में कुछ इस तरह ब्यां किया।
करोड़ों लोगों के जीवन को पूज्य गुरु जी ने दी सही दिशा
ये माना के मुझे जन्म मां ने दिया है, लेकिन मेरे जैसे करोड़ों लोगों के जीवन को सही दिशा देने का काम डॉ. एमएसजी ने किया है। उन्होंने हमेशा जात-धर्म से ऊपर उठकर हर गरीब व जरूरतमंद इंसानों की सहायता करने की शिक्षा दी है और पूज्य गुरु जी द्वारा भेजी गई चिट्ठी में भी कोरोना काल में रक्तदान करने का आह्वान किया है। ताकि खून की कमी से किसी को अपनी जिन्दगी न गंवानी पड़े।
आरती इन्सां, कुरुक्षेत्र।
बार-बार चिट्ठी को पढ़ने का करता है मन
पूज्य गुरू जी की ये केवल चिट्ठी नहीं, अपितु एक अट्टू प्यार है, एक आशीर्वाद है। पूज्य गुरू जी ने इस संदेश के माध्यम से ये बता दिया है कि एक पूर्ण गुरु कहीं भी रहे, लेकिन अपने शिष्यों का हाथ कभी नहीं छोड़ता। मैं अपने पूज्य गुरु जी के इस आशीर्वाद और प्रेम को लिख या बोलकर वर्णन नहीं कर सकती। पूज्य गुरू जी हर पल साध-संगत का कितना ख्याल रखते हैं, वो उन्होंंने इस चिट्ठी में बता भी दिया। इसी लिए इस ‘गुरु के पत्र’ को बार-बार पढ़ने का मन करता है।
–मोनिका इन्सां, करनाल।
मेरा मुर्शिद सच्चा था, सच्चा है और सच्चा रहेगा
जमाना चाहे कुछ भी कहे, मुझे फर्क नहीं पड़ता। मेरा मुर्शिद सच्चा था, सच्चा है और हमेशा सच्चा रहेगा। देश व समाज को नई दिशा देने वाले मेरे मुर्शिद की सिर्फ अभी चिट्ठी आई है, जल्द ही वो समय भी आएगा जब पूज्य गुरु जी हमारे सामने प्रत्यक्ष रूप से होंगे और दुनिया देखेगी, पूज्य गुरु जी और करोड़ों श्रद्धालुओं का एक ऐसा मिलन जो इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित होगा।
-राजेश इन्सां, (45 मैंबर यूथ, हरियाणा)।
पूज्य गुरु जी की चिट्ठी मिली तो छलक आर्इं आखें
पूज्य गुरु जी की चिट्ठी जैसे सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मुझ तक पहुंची तो चिट्ठी पढ़ मेरी आंखों से खुशी के आंसू छलकने लगे। पूज्य गुरु जी का चिट्ठी के माध्यम से भेजा गया आशीर्वाद और प्रेम पाकर मेरी सारी परेशानियां खत्म हो गर्इं। पूज्य गुरु जी के संदेशानुसार अब हम और बढ़-चढ़कर इंसानियत व मानवता की भलाई के कार्य करेंगे।
-चंचल इन्सां, बंसत बिहार, करनाल।
पूज्य गुरु जी को नमन्, जिनका हर पल मानवता को है समर्पित
पूज्य गुरु जी द्वारा भेजी गई चिट्ठी में करोड़ों साध-संगत को परहित परमार्थ करते हुए इंसानियत के मार्ग पर चलने का संदेश दिया गया है। हमेशा दूसरों की चिंता करने वाले पूज्य गुरु जी ने सरकार के दिशा निर्देशानुसार इस कोरोना काल में बढ़ चढ़कर कर रक्तदान करने को कहा है। ताकि रक्त के अभाव में किसी की जिन्दगी मौत में न बदल जाए। मैं पूज्य गुरु जी को नमन् करती हूँ, जो हर क्षण, केवल मानवता की भलाई के बारे में ही सोचते हैं।
–निष्ठा इन्सां, करनाल।
सतगुरू के खत को फ्रेम में जड़वाया
डॉ. एमएसजी के पत्र ने करोड़ों श्रद्धालुओं में एक नई ऊर्जा का संचार किया है। हम अपने मुर्शिद का कई जन्मों तक भी ऋण नहीं उतार सकते। उन्होंने हमेशा जात-पात का भेदभाव मिटाकर इंसानियत के मार्ग पर चलने की शिक्षा दी है और इस खत में भी उन्होंने यही कहा। पूज्य गुरु जी का ये संदेश हमारे लिए बेशकीमती है। इसलिए मैंने इसे फ्रेम में जड़वा कर संभालकर रखा है। पूज्य गुरु जी की चिट्ठी पाकर मैं बेहद खुश हूँ।
सुनीता इन्सां, ब्लॉक करनाल
एकजुट रहने व भेदभाव मिटाने का दिया संदेश
कुछ लोग डेरा श्रद्धालुओं में फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं। उनके लिए पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने चिट्ठी में कहा कि ऐसा करने वाले हमारे हमारे शिष्य नहीं हो सकते। इस चिट्ठी में पूज्य गुरु जी ने साध-संगत को एकजुट रहने व भेदभाव को मिटाते हुए परहित कार्य में और अधिक बढ़कर भाग लेने को कहा है। इसलिए हम डेरा सच्चा सौदा के साथ थे, हैं और आखिरी सांस तक रहेंगे।
– रश्मी इन्सां, करनाल
चिट्ठी मिलने पर नहीं रहा खुशी का ठिकाना
पूज्य गुरु जी की चिट्ठी मिलने पर बेहद खुश हूँ। चिट्ठी पढ़कर ऐसा लगा मानो पूज्य गुरु जी मेरे पास ही हों। उनका आशीर्वाद पाकर मैं धन्य हो गया। चिट्ठी में पूज्य गुरु जी ने द्वारा कोरोना महाबीमारी से बचाव को लेकर दिए गए सुझाव बेहद कारगार है। चिट्ठी भेजकर पूज्य गुरु जी करोड़ों श्रद्धालुओं को बता दिया कि वो अपने बच्चों को हर पल संभाल करते हैं।
–नरेन्द्र इन्सां, करनाल।
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