अयोध्या में श्री राम मंदिर के निर्माण का शुभारंभ होना एक ऐतिहासिक पल है। श्री राम जी का जन्म भले ही अयोध्या में हुआ लेकिन वे पूरे भारतवासियों की आत्मा में बसे हुए हैं। उनके बिना भारतीय संस्कृति की कल्पना भी नहीं की जा सकती। श्री राम जी के चरित्र, जीवन सिद्धांत, वचन और कर्म की महत्वता का प्रभाव 1988 के दशक में दूरदर्शन पर प्रदर्शित रामायण सीरियल से ही स्पष्ट था, जब प्रत्येक धर्म के लोग सीरियल आने पर टेलीविजन के सामने बैठ जाते और पूरे देश की गलियों व बाजारों में एक भी व्यक्ति नजर नहीं आता था। करीब पांच सौ वर्ष बाद अयोध्या में अब एक अलग रौणक और उत्साह है। इसे किसी सम्प्रदाय की जीत नहीं बल्कि श्री राम जी के सिद्धांतों की जीत के तौर पर देखा जाना चाहिए क्योंकि श्रीराम जी के चरित्र की महानता केवल धार्मिक सिद्धान्तों तक सीमित नहीं थी बल्कि प्रत्येक धर्म के लोग उनके परिवार, समाज, राजनीति, युद्ध सम्बन्धित विचारों के लिए उनको अपना आदर्श मानते हैं। रामलला की जीत केवल श्रद्धा के कारण नहीं हुई बल्कि आधुनिक और लोकतंत्र के युग में पूरी न्यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत उनके जन्मस्थल संबंधी मिल्कियत का फैसला हुआ है। सदियों बाद भी सच, सच ही रहता है। अत्याचारी हकूमतें भी सच को बदल नहीं सकती। यह भी तथ्य है कि मंदिर का निर्माण किसी कट्टर विचारधारा के कारण नहीं हो रहा। यदि ऐसा होता तब आजादी के बाद 73 वर्ष तक न्यायिक प्रक्रिया की आवश्यकता न पड़ती। इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2010 के फैसले और सुप्रीम कोर्ट के नवंबर, 2019 के फैसले पर देशवासियों ने जिस प्रकार के सद्भाव, एकता और न्यायिक व्यवस्था के प्रति सम्मान पेश किया है, उससे श्री राम जी के दर्शन व लोकप्रियता का स्पष्ट पता चलता है। मंदिर की जमीन संबंधी विवाद में दूसरे पक्ष को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका मिला है। खैर, अब बात केवल मंदिर निर्माण तक सीमित नहीं रहनी चाहिए बल्कि ‘राम राज्य’ स्थापित करने के सपने को भी साकार करना चाहिए। श्री राम जी के चरित्र में आदर्श समाज की स्थापना जीवन का पहला उद्देश्य है। राम राज्य में नफरत, धक्केशाही, कब्जे, जातपात, धार्मिक भेदभाव के लिए कोई जगह नहीं। देश का निर्माण केवल इमारतों तक सीमित नहीं, वह बेहतर समाज की स्थापना के साथ जुड़ा है जहां अहिंसा, प्यार, सच्चाई सहनशीलता और भाईचारे की गंगा बहे। हर किसी को अपना समझा जाए विरोधियों को टिकाने लगाने, दूसरे के हक मारने, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार के लिए राम राज्य में कोई जगह नहीं। श्री राम जी के प्रति हमारी आस्था इसी बात में है कि झूठ, कपट खत्म कर समस्त मानवता की भलाई के लिए प्रयास किए जाएं। श्री राम जी के मार्ग पर चलने की हिम्मत भी दिखानी चाहिए।
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