12 हजार ट्यूबवेल कनेक्शन देने का रखा गया लक्ष्य, 4500 किए जा चुके जारी
सच कहूँ/अनिल कक्कड़ चंडीगढ़। हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत सिंह ने बताया कि हरियाणा सरकार ने किसानों के हित में अहम कदम उठाते हुए ट्यूबवैल के लिए जल्द से जल्द मोटर खरीदने व कनेक्शन देने की प्रक्रिया तेज कर दी है। उन्होंने बताया कि 5-स्टार रेटिड (जो अब 3-स्टार है) सबमर्सिब्ल मोटर लगवाने की सहमति देने वाले 4230 किसानों के लिए दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने मोटर खरीदने के आदेश जारी कर दिए हैं, जो कि अगले माह अगस्त 2020 से आनी शुरू हो जाएंगी। इसके बाद इन किसानों के ट्यूबवैल-कनेक्शन नवबंर 2020 तक जारी करने का लक्ष्य है। यही नहीं, किसानों को अपने ट्यूबवैल-कनेक्शन की जानकारी घर बैठे उपलब्ध करवाने के लिए एक वैब-पोर्टल बनाया जाएगा ताकि उनको हर अपडेट मिलता रहे।
शुक्रवार को चंडीगढ़ में अपने निवास पर पत्रकार वार्ता में बिजली मंत्री ने बताया कि जिन किसानों ने 5-स्टार रेटिड (जो अब 3-स्टार है) सबमर्सिब्ल मोटर का कनेक्शन जारी किए जाने को लेकर असहमति दर्ज करवाई है, उन्हें जमा करवाया गया पैसा निगम द्वारा ब्याज समेत वापस किया जाएगा। उन्होंने एक अहम जानकारी सांझा करते हुए बताया कि निगम द्वारा कनेक्शन जारी करने में 6 महीने से अधिक देरी होने पर मोटर व बिजली-लाइन के लिए जमा करवाया गया पैसा ब्याज समेत किसान को वापस लौटाया जाएगा।
12 हजार 75 किसानों ने करवाई एनर्जी एफीशिएंट मोटर की कीमत जमा
बिजली मंत्री रणजीत सिंह ने ट्यूबवैल-कनेक्शन के लिए आवेदन करने वाले किसानों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के 12075 किसानों ने एनर्जी एफीशिएंट मोटर की कीमत जमा करवा दी है जिनमें से 10256 किसानों ने तो बिजली-लाइन का खर्चा भी निगम में जमा करवा दिया है। उन्होंने बताया कि 4868 सबमर्सिब्ल मोटरें दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के स्टोर में आ चुकी हैं तथा 4463 कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं, शेष जल्द जारी कर दिए जाएंगे।
1477 टू स्टार मोनो-ब्लॉक मोटर बाजार से खरीद कर लगाने की अनुमति
उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि किसानों के आग्रह पर 1477 मोनो-ब्लॉक मोटर बाजार से खरीद कर लगाने की अनुमति दी गई है, शर्त यह है कि वह मोटर कम से कम 2-स्टार अवश्य हो। बिजली मंत्री का कहना था कि अगर निगम द्वारा जांच में कही यह पाया जाता है कि किसान का ट्यूबवैल-कनेक्शन बोर का साइज छोटा होने, कनेक्शन-स्थल पर पानी ठहरा होने या कोई अन्य कारण से जारी नहीं किया जा सकता है तो उस किसान को नोटिस देकर सूचना भी दी जाती है।
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