पूज्य गुरु जी का दूसरा संदेश
आदरणीय,
माता जी, प्यारे बच्चों, ट्रस्ट प्रबंधक सेवादार।
धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा।
माता जी, हम सतगुरु शाह सतनाम, शाह मसतान जी की कृपा से ठीक हैं व आप जी की अच्छी सेहत के लिए परम पिता परमात्मा से हमेशा प्रार्थना करते रहते हैं। सतगुरू परमात्मा ने चाहा तो हम जल्दी आकर आपका ईलाज स्वयं करवाएंगे पर तब तक आप अपनी दवाईयां सही समय पर जरूर लेते रहें जी।
हमारे करोड़ों बच्चों, हम आप सब से (प्रार्थना करते हैं) कहते हैं कि ‘कोरोना’ महाबिमारी से संघर्ष में सरकार जो भी दिशा निर्देश दे, उसका आप सब पूरा-2 पालन करें। हम आप सबसे गुजारिश करते हैं कि चाहे ‘अनलॉक’ है पर आप सब ज्यादा समय अपने घर के अन्दर ही रहें। काम-धन्धे पर या सफर पर जाते समय ‘मास्क’ जरूर लगाएं व एक-दूसरे से 7 फुट की दूरी बनाएं रखें। बाहर से जब आप घर लौटें तो सबसे पहले नहाएं व पहने हुए कपड़े ‘सर्फ’ वाले पानी में डाल दें। नए कपड़े पहन कर अपने परिवार के पास जाएं। अपने हाथ चेहरे पर बार-2 न लगाएं।
पहली चिट्ठी में हमने जो ‘काढ़ा’ बताया था उसे समय-2 पर लेते रहें। प्राणायाम से 15-15 मिनट सुबह-शाम राम नाम जपें, जिससे आत्मबल बढ़ेगा और आत्मबल से ‘कोरोना’ हार जाएगा। अगर सरकार ब्लड डोनेट का कहे तो डोनेट करें। आश्रम में जिन सेवादारों की हमने ड्यूटी लगाई थी, वो ब्लॉकों में जाकर जरूरतमंदों के लिए परहित परमार्थ तन, मन, धन की सेवा करवाएं। परम पिता जी ने जब से इस ‘खाक’ को ‘गुरू’ बनाया है, तब से ही हम आपकी, संसार की भलाई के लिए प्रार्थना करते थे, कर रहे हैं व ताउम्र ‘गुरू’ रूप में इस कर्त्तव्य का निर्वाह करते रहेंगे।
हमने आप को सिखाया है कि सेवा करते समय कोई भेदभाव नहीं करना, सर्वधर्म, जात-पात को एक समान सत्कार देना है, एक समझना है व ‘एक’ बनके रहना है। हमें खुशी है कि हमारे बच्चे जसमीत इन्सां, चरणप्रीत इन्सां, हनीप्रीत इन्सां, अमरप्रीत इन्सां, सारे डेरे में रहने वाले सेवादार, एडम ब्लॉक सेवादार व करोड़ों बच्चे सेवादार सब आज भी एक हैं, किसी तरह की कोई गुटबाजी नहीं है और आगे भी सब एक रहें। हमने सिखाया है सबका भला करो, किसी की भी निंदा, बुराई ना गाओ।
अगर कोई दिन-रात, जबरदस्त तरीके से किसी की भी निंदा, बुराई गाता है व अपने आप को हमारा शिष्य कहता है तो यह गलत है। ऐसा (निंदा बुराई) करने वाला हमारा शिष्य नहीं हो सकता। ऐसे लोगों से हमारे सारे बच्चे दूर रहें। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उनका साथ संग न करें। ‘पर निंदा सौ गऊ घात समाना’ यह महापुरुषों ने अपने वचनों में कहा है। ट्रस्ट सेवादार, एडम ब्लॉक सेवादार व आश्रम में रहने वाले सारे सेवादार यह ख्याल रखें कि साध-संगत में कोई गुटबाजी ना हो व एकता रहे। आश्रमों का पूरा-2 ख्याल रखें। हमारा ध्यान तो ‘कुंज’ की तरह हमारे करोड़ों बच्चों में ही लगा रहता है। हम वचन देते हैं कि ताउम्र ‘गुरू’ रूप में आपकी संभाल बढ़-चढ़के करते रहेंगे। सतगुरू जी से प्रार्थना है कि आपकी हर जायज मांग पूरी करें।
आशीर्वाद।
आपका अपना
दासन दास
गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां
25.7.2020
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