Prithviraj Chauhan: पृथ्वीराज चौहान की असली कहानी रोंगटे खड़े कर देगी….
भारत समृद्ध इतिहास और संस्कृति की भूमि है, जिसमें कई राज्य, राजवंश (prithviraj chauhan jayanti) और शासक देश के परिदृश्य पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं। ऐसे ही एक शासक हैं पृथ्वीराज चौहान, जिन्हें मध्यकालीन भारत के महानतम योद्धाओं और राजाओं में से एक के रूप...
mother’s day: मातृ शक्ति को प्रणाम, नमन
सबसे पहले मातृ शक्ति को प्रणाम, नमन। ये ऐसा दिन होता है, जो हमें अपनी माँ के प्रति आभार प्रकट करने का मौक़ा देता है
🙏 उस माँ के लिए कोई एक दिन क्या करें समर्पित, जो आठों पहर अपने बच्चे की हर बला अपने सिर पर लेने को तैयार रहती हो ।
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खुशियाँ सालों-साल, साल का हर माह बेमिसाल
खुशियाँ सालों-साल
साल का हर माह बेमिसाल।
जनवरी से होता जिसका आगाज
वाली दो जहान के जन्म माह पे सबको नाज।
फरवरी में किया महारहमोकर्म
तोड़े काल के सारे भ्रम।
रूहानियत का सिलसिला यूँ चल पड़ा,
मार्च में काल औंधे मुंह गिर पड़ा।
जब मीत ने लगाई नाम की...
मई में साध संगत पर फिर बरसेगी सतगुरु जी की रहमतें
मई में पूज्य पिताजी ने पवित्र सत्संग भंडारे का स्पेशल अवसर प्रदान किया है।
इस बहाने हम सबको अनन्त अपार खुशियों रहमतों के समुद्रों के समुद्र परवान किया है।
रविवार,7 मई को सब चलो बरनावा डेरे।
साईं जी की अपार रहमतों खुशियों से भर लो बेड़े।
सबने ही ...
जल्द आ जाओे MSG, आपकी राह देख रहा संसार
निंदा-चुगली से छोड़ो करना प्यार
तो जल्द आएंगे MSG
करो बुराइयों से तौबा बार-बार
तो जल्द आएंगे MSG
छोड़ो जीवों पे करना अत्याचार
तो जल्द आएंगे MSG
छोड़ो नशों का व्यापार
तो जल्द आएंगे MSG
दो 156 मानवता भलाई कार्यों को रफ्तार
तो जल्द आएंगे MSG
...
ऐसे पड़ा ‘सच्चा सौदा’ नाम
जब आश्रम बनकर तैयार हो गया तो पूज्य साईं शाह मस्तनाना जी ने साध-संगत को इकट्ठा किया और उनसे मुखातिब होकर पूछा कि अब हम इस (Dera Sacha Sauda) आश्रम का नाम रखना चाहते हैं, क्या नाम रखा जाए? सभी चुप हो गए। पूज्य शहनशाह जी ने स्वयं ही तीन नाम तजवीज (सुझा...
“अजी ! वो सच्चा सौदा कहलाया है”
अजी! वो सच्चा सौदा कहलाया है
ईर्ष्या नफरत की आग में,
इंसानियत जल रही थी,
बुराई के पथ पर वो,
आज चल रही थी,
बचाने उन्हें इस आग से,
रूहानियत का बीज लगाया है,
अजी! वो सच्चा-सौदा कहलाया है।
शाह-मस्ताना जी रूहों का,
उद्धार करने आये,
स्वागत में ...
Foundation Day पर सच कहूँ की खास पेशकश: मानवता भलाई के बढ़ते गए कदम, बनते गए रिकॉर्ड
डेरा सच्चा सौदा के 75वें रूहानी स्थापना दिवस की वर्षगांठ पर विशेष
जब-2 पृथ्वी पर पाप बढ़ते हैं, तब-तब संत-सतगुरु इन्सान के चोले में अवतार धारण करते हैं और भूली-भटकी रूहों को पार उतारने के लिए (Foundation Day 2023) उन्हें समझाकर अपनी दया-मेहर, रहमत से...
लगता है फिर वो आने वाले हैं…
मिल गई उसके कदमो की आहट
लगतों है वो आने वाले हैं
फिर से खुशियों के समुन्द्र
लुटाने वाले हैं।
पशु परिंदे भी झूमे ,
उनमे भी जान आई है ,
फूलों की खुशबु से हुआ समा मोहक
उन्होंने आज बात ये बतलाई है
दर्श की लगी थी कब से प्यास
फिर वो बुझाने वाले ...
तेरे दीवाने, तेरी राहों में फूल बिछाए बैठे हैं…
प्यासी रूहें.. पुकार रही हैं, पिया मेरे कब आओगे|
दर्शन की ये प्यास ओ रब्बा, आकर तुम्हीं बुझाओगे|
तेरे दीवाने, तेरी राहों में फूल बिछाए बैठे हैं|
ईद दिवाली साथ मनेगी, आस लगाए बैठे हैं|
पतझड़ के इस मौसम में कब बहारें लाओगे??
प्यासी रूहें.. पुकार...
मेरे मौला.. मेरी ईद तो.. | Saint Ram Rahim
न मंदिर न मस्जिद ना ही चर्च में जाने से होगी।
मेरे मौला.. मेरी ईद तो.. बस तेरे आने से होगी।
अजब सी मस्ती अजब सा खुमार हो जाएगा।
ये पतझड़ का जो मौसम है बहार हो जाएगा।
महक उठेगा रोम रोम शाही खुशबू से,
तेरे दर्शन से दिल गुलो गुलजार हो जाएगा।
बस .....
आ जा ईब परमानेंट ओ बाबू…
ईसी मस्त-मस्त मुस्कान
के मायूस दिलां मै फूक दे जान
चेहरा नूरो-नूर नूरानी
अंदर दिखै हामनै भगवान
म्हारे खुशियां के संसार की
तेरे तै ही विशेष पहचान
आ जा ईब परमानेंट ओ बाबू
करा दे सब नै भले-बुरे का ज्ञान
156 मानवता के कार्य
म्हारी खातिर सै वरद...
कैसे ना देखे बार-बार नुरानी मुखड़े को…
तूने अपने हुश्न पर पहरा लगा रखा है।
रूहों को ब्याहने आया है सेहरा लगा रखा है।
कैसे ना देखे बार-बार शक्ल तुम्हारी को...
इलाही सूरत पर इन्सानी चेहरा लगा रखा है।
दर्द-ए-दिल की दवा भी पास तुम्हारे है।
और तुमने ही ये घाव गहरा लगा रखा है।
मेरे ...
दुनिया की सबसे अनोखी शादी | मर्दानी भक्त वीरांगना
भक्त वीरांगना एक ऐसी मदार्नी,
अद्भुत-अनोखी जिसकी कहानी
MSG गुरू की है वो दीवानी
खुशियाँ भी भरतीं जिसका पानी
भक्त वीरांगना एक ऐसी मदार्नी
अद्भुत-अनोखी जिसकी कहानी
गुरू वचनों पर अमल की ठानी
अपने सपनों की पल में दे कुबार्नी
किसी दिव्यांग से शा...
अब तो परमानेंट आ जाओ सरसा दरबार…
हे मेरे सतगुर दातार
ये दुनिया हो रही है नशों-बुराइयों से खज्जल-ख्वार,
इस दुनिया पर करने रहमत अपार
अब तो परमानेंट आ जाओ सरसा दरबार
मेरे सच्चे सतगुरु दातार
बहुत हो गया इंतजार
कितने ही मुरीद हैं तुझसे मिलने को बेकरार
सुन लो तड़पते दिलों की पुकार...