नैनीताल (एजेंसी)। उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में पिछले तीन चार दिनों से लगातार हो रही बारिश से छह जिलों में कुल 78 सड़कें भूस्खलन की जद में आ गयी हैं। पिथौरागढ़ के धारचूला में छह मकान भूस्खलन की जद में आने से 40 परिवार इससे प्रभावित हुए हैं। कुमाऊं के नैनीताल, पिथौरागढ़, चंपावत, बागेश्वर और अल्मोड़ा जनपदों में पिछले चार दिनों से लगातार बारिश हो रही है। भूस्खलन के चलते यहां 78 सड़कें बंद हो गयी हैं। पिथौरागढ़ जनपद में अकेले 22 सड़कें यातायात के लिये बंद हैं। इनमें चीन सीमा को जोड़ने वाले दो बार्डर रोड धारचूला-तवाघाट और तवाघाट-सोबला भी शामिल हैं। धारचूला के ऐलाधार में हुए भूस्खलन से 40 परिवार प्रभावित हुए हैं।
यहां एक बहुमंजिला मकान भूस्खलन से पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया हैं जबकि पांच मकान भूस्खलन की जद में हैं। जिला नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार 40 परिवारों को यहां से विस्थापित किया गया है। इन्हें कुमाऊं मंडल विकास निगम के अतिथि गृह व स्कूलों में ठहराया गया है। आपात स्थिति से निपटने के लिये मौके पर सेना, राज्य आपदा प्रबंधन बल व पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है।
लगातार बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त
इसी प्रकार नैनीताल जिले में भी 23 सड़कें भूस्खलन की जद में आ गई हैं। भवाली-नैनीताल मार्ग के बड़े हिस्से को नुकसान होने से यातायात आज भी बाधित रहा। जबकि बागेश्वर जनपद में 19, अल्मोड़ा मे 07 व चंपावत में भी सात सड़कें बंद पड़ी हैं। बताया जा रहा है कि बागेश्वर के गरूड़ तहसील में शुक्रवार रात को एक बड़ा हादसा होने से टल गया।
रियूनी-लखमार मार्ग पर एक कार नाले में बह गयी। लगभग 150 मीटर दूर जाकर कार एक बोल्डर पर अटक गयी जिससे कार सवार महेश नेगी और हरीश राम की जान बच गयी। इस घटना में दोनों घायल हो गए हैं।
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