फरीदकोट (सच कहूँ न्यूज)। देश के विभिन्न कपास उत्पादक राज्यों की मंडियों में न?ए कपास की अब तक लगभग पांच लाख गांठें पहुंच गई हैं। विभिन्न राज्यों की मंडियों में आज लगभग 75,500 गांठों की कपास आमद हुई तथा गत शनिवार को कपास आमद 59,500 गांठों की थी। आगामी दिनों में कपास की आवक और इसमें तेजी आने के मद्देनजर कपड़ा मंत्रालय के उपक्रम भारतीय कपास निगम लिमिटेड (सीसीआई) ने हरियाणा, राजस्थान व पंजाब में किसानों का व्हाइट गोल्ड न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू कर दी है। सी.सी.आई. सूत्रों के अनुसार चालू नए कपास सीजन साल 2020-21 के दौरान भारतीय कपास निगम लिमिटेड पिछले साल के मुकाबले 20 लाख गांठों का व्हाइट गोल्ड अधिक किसानों से सीधा खरीदने जा रहा है।
इस साल निगम देश में 1.25 करोड़ गांठों का व्हाइट गोल्ड खरीदेगा जबकि पिछले साल निगम ने एक करोड़ पांच लाख 14000 गांठों का व्हाइट गोल्ड न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा था। सूत्रों के अनुसार सी.ए.बी.का अनुमान है कि चालू कपास सीजन के दौरान 3.60 करोड़ गांठों का व्हाइट गोल्ड उत्पादन होगा। जबकि पिछले साल यह उत्पादन 3.57 करोड़ गांठों का रहा। निजी व्यापारियों द्वारा देश में इस बार 4 से 4.25 करोड़ गांठ उत्पादन के कयास लगाए जा रहे हैं। लेकिन यह अनुमान रुई तेजड़ियों के गले नीचे कत?ई नहीं उतर रहा है। पिछले साल तेजड़ियों ने लाखों गांठ रुई का स्टाक जमा कर लिया क्योंकि उन्हें बड़ी उम्मीद थी कि रूई में मोटी तेजी हाथ लगेगी लेकिन हुआ इसके विपरीत जिससे स्टाक रखने से बड़ी आर्थिक चोट पहुंची हैं।
देश में कपास आमद बढ़ने के बावजूद भारतीय रूई बाजार में तेजी का रुझान चल पड़ा है। बाजार में पिछले हफ्ते के मुकाबले 140- 150 रुपए प्रति मन की तेजी आ चुकी है। इस तेजी ने एक बार तो रुई बाजार के मंदडिय़ों के चेहरे पर मुस्कान कम कर दी है लेकिन मंदडिय़ों का कहना है कि यह रुई की तेजी अस्थायी है और ये कीमतें बहुत जल्दी वापस आएंगी क्योंकि बाजार में अधिकतर बड़े घरानों ने रुई खरीदारी से चुप्पी साध रखी है। कुछेक कताई मिलरों की खरीद शुरू है। उधर ,रुई तेजड़ियों का मानना है कि जब बाजार में कुछेक कताई मिलों की डिमांड से बाजार में तेजी का रुझान चल पड़ा है। यदि बाजार में अन्य कताई मिलों की डिमांड आ गई तो रुई में अच्छी तेजी बनेंगी।
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