Asia Book of Records 2024 में दर्ज करवाया नाम
सिरसा (सच कहूँ/सुनील कुमार )। 6 साल की उम्र में मात्र 44 सैकेंड और 63 मिली सैकेंड में भारत के 28 राज्यों के नाम और उनके वर्तमान मुख्यमंत्रियों के नाम सिर्फ बाऊंड्री मेप से बताकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड-2023 में नाम दर्ज करवाने के महज एक साल के बाद मात्र 30 सैकेंड में आंखों पर पट्टी बांधकर 42 देशों की मुद्राओं के नाम बताकर एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाकर गांव आर्य नगर निवासी अवंतिका वर्मा ने इतिहास के पन्नों में अपना व अभिभावकों का नाम दर्ज करवा दिया है। Sirsa News
अवंतिका वर्मा की दो सालों में प्राप्त दोहरी उपलब्धि पर पूरा परिवार बेटी की ऐतिहासिक सफलता पर अपने आप को गौरवांवित महसूस कर रहा है। अवंतिका वर्मा के अभिभावकों को चहुंओर से बधाई देने वालों का सिलसिला जारी है। अवंतिका के पिता प्रदीप कुमार वर्मा ने बताया कि वे राजस्थान के भिवाड़ी में एक नामी कंपनी में जॉब करते हैं, जबकि उनकी पत्नी नीलम वर्मा हाऊस वाइफ है।
आंखों पर पट्टी बांधकर महज 30 सैकेंड में बता दिए विश्व के 42 देशों की मुद्रा के नाम | Sirsa News
प्रदीप वर्मा ने बताया कि अक्सर देखा गया है कि 6 साल की उम्र में बच्चे ठीक से पढऩा-लिखना व उठना-बैठना भी नहीं सीखते। बच्चों को चीजें ठीक से याद भी नहीं रहती और उन्हें सिखाने के लिए परिजनों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। या यूं कहें कि ये परिजनों के लिए परीक्षा की घड़ी होती है कि वो अपने बच्चों को बेहतर तरीके से उनकी रूचि के मुताबिक ढाल सकें, लेकिन बेटी अवंतिका वर्मा में गजब की प्रतिभा परमात्मा ने बख्शी है। करीब दो साल पूर्व भिवाड़ी में एक सेमीनार में अवंतिका ने इस प्रकार की चीजों के बारे में देखा था।
यहीं से भी अवंतिका के मन में सफलता की पींगें हिलारें लेने लगी और फिर उसने पीछे मुडक़र नहीं देखा। वर्मा ने बताया कि पूरे परिवार खासकर अवंतिका के दादा शंकरलाल वर्मा ने अवंतिका को लगातार बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित किया। अवंतिका की माता नीलम ने बताया कि उन्हें भी अवंतिका की प्रतिभा पर पूरा भरोसा था। परिजनों ने मिले प्रोत्साहन को अवंतिका ने जाया नहीं जाने दिया और महज 30 सैकेंड में आंखों पर पट्टी बांधकर स्क्रीन को देखकर 42 देशों की मुद्राओं के नाम बताकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करवा दिया।
बतौर अंवतिका वर्मा ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। अगर उन्हें सही दिशा व दशा दी जाए तो वे किसी भी मंजिल को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। अवंतिका वर्मा ने अभिभावकों से आह्वान किया कि वे अपने बच्चों की रूचि के अनुसार हर गतिविधि में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें, ताकि वे अपने साथ-साथ अभिभावकों का भी नाम रोशन कर सकें। Sirsa News
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