भिवानी (सच कहूँ न्यूज)। बाजरे के उत्पादन व खपत को वैश्विक स्तर पर ऊंचा उठाने के उद्देश्य से वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा महोत्सव के रूप में मनाने का निर्णय संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा भारत के अनुमोदन पर लिया गया है। मुख्य रूप से भारत व अफ्रीकी क्षेत्रों की फसल बाजरा अब मुख्य खाद्य फसल बनने जा रही है, क्योंकि भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रस्ताव पास करके वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित करने का निर्णय लिया है, जिसका अनुमोदन संयुक्त राष्ट्र संघ से जुड़े 70 देशों ने किया हैं।
इसी के तहत भारत सरकार के उपक्रम फिक्की व राज्य सरकार के सहयोग से भिवानी के बहल क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय बाजरा दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम में हरियाणा के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल मुख्यअतिथि के रूप में पहुंचे।
इस मौके पर कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि बाजरे के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि यह मुख्य खाद फसल बन सकें। बाजरा जैसे मोटे अनाज के उत्पादन व खपत को बढ़ावा देने के लिए देश भर के किसानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है कि वे अधिक से अधिक बाजरे का उत्पादन करें। वही औद्योगिक क्षेत्र में इसके कंजेप्शन बढ़ाने को लेकर स्नैक इंडस्ट्री, फास्ट फूड व अन्य खाद्य पदार्थो में बाजरे के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पूरी दुनिया मे 41 प्रतिशत बाजरा भारत देश में पैदा होता है तथा उसमें भी 67 प्रतिशत बाजरा उत्तरी भारत के राज्यों हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश में पैदा होता है। उन्होंने बताया कि बाजरे की फसल को बढ़ावा देने के पीछे इसकी पोषक तत्वों की परचूरता भी है। कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि हरियाणा प्रदेश में बाजरे के उत्पादन व इसके बेहतरीन भाव मिलने की अपार संभावनाएं हैं।
इस मौके पर किसान अजीत, मुकेश, रणबीर, सुरेश व प्रशिक्षक जितेंद्र, संदीप व सुनील शर्मा ने बताया कि आज बाजरे के उत्पादन को लेकर अंतर्राष्ट्रीय बाजरा महोत्सव पर लगभग 50 गाँवों से आए किसानों को बाजरे के उत्पादन को लेकर प्रशिक्षित किया गया है। बाजरे का उत्पादन कम पानी-कम लागत में कैसे बढ़े, इसके टिप्स कृषि वैज्ञानिकों द्वारा दी गई है।
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