जकार्ता (एजेंसी)। इंडोनेशिया के जावा प्रांत में आये 6.1 तीव्रता वाले भूकंप से कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई और 39 लोग घायल हो गए है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता रादित्य जाति ने बताया कि रविवार को आए इस तेज भूकंप से लुमाजंग, मलंग, ब्लिटर, जेम्ब, ट्रेंग्लेक और ब्लिटर सहित कई जिलों में 1,189 घर क्षतिग्रस्त हो गए है। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.1 दर्ज की गई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सैकड़ों सार्वजनिक भवनों जैसे स्वास्थ्य केंद्रों, शिक्षा सुविधाओं, पूजा स्थलों और कार्यालय भवनों को भी नुकसान पहुंचा। प्रांतीय प्रशासन ने राहत शिविर स्थापित किए है और प्रभावितों को चावल, फास्ट फूड और नूडल्स के साथ-साथ कंबल और तिरपाल भी वितरित किए गए हैं।
क्यों आता है भूकंप
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है। इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट, क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर हिलती रहती हैं। जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है। ये प्लेट क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इसके बाद वह स्थिर रहते हुए अपनी जगह तलाशती हैं इस दौरान एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाता है।
कैसे मापा जाता जाता है भूकंप की तिव्रता
भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर स्केल का पैमाना इस्तेमाल किया जाता है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है।
चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है देश को
दरअसल भूकंप को लेकर देस को चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।
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