नई दिल्ली (एजेंसी)। केंद्र सरकार ने पहले ही 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी को हरी झंडी दे दी है। नीलामी आज से शुरू होगी। इसके तहत टेलीकॉम कंपनियों को अलग-अलग फ्रीक्वेंसी पर 20 साल के लिए लीज मिलेगी। इसके लिए कुल 72 गीगाहर्ट्ज 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए उपलब्ध रहेंगे। इसमें जीयो, वीआई और एयरटेल के साथ गौतम अडानी का डाटा नेटवर्क शामिल है। हालांकि दोनों का सीधा मुकाबला नहीं है, लेकिन फिर भी भविष्य में टकराव हो सकते हैं। ऐसे में एक सवाल बहुत से लोगों के मन में आता है कि 5जी आने के बाद क्या नया होगा। एन सभी का जवाब 5 जी नेटवर्क के रोलआउट के बाद ही मिलेगा। मगर देश में 5 जी आने के बाद बहुत कुछ बदलने वाला है।
5जी है क्या?
आसान शब्दों में समझें तो 5जी सबसे आधुनिक स्तर का नेटवर्क है, जिसके अंतर्गत इंटरनेट स्पीड सबसे तेज होगी। इसकी विश्वसनीयता ज्यादा होगी और इसमें पहले से ज्यादा नेटवर्क को संभालने की क्षमता होगी। इसके अलावा इसकी मौजूदगी का क्षेत्र ज्यादा होगा और एक्सपीरियंस भी यूजर फ्रेंडली होगा। 5जी की सबसे खास बात यह है कि यह निचली फ्रीक्वेंसी के बैंड से लेकर हाई बैंड तक की वेव्स में काम करेगा। यानी इसका नेटवर्क ज्यादा व्यापक और हाई-स्पीड होगा।
5जी आने से ज्यादा स्पीड मिलेगी
देश में अधिकतर लोगों ने 2 जी या 3 जी और 4 जी नेटवर्क यूज किया था। वीडियो कॉलिंग और लाइव स्ट्रीमिंग जैसे हाई स्पीड चीजों का अनुभव 4 जी के बाद ही लोगों को मिला। इसी तरह से 5 जी नेटवर्क आने के बाद बहुत कुछ नया हमें देखने को मिलेगा।
5जी के आने से क्या फर्क पड़ेगा?
4G मुकाबले 5G में यूजर को ज्यादा तकनीकी सहूलियतें मिलेंगी। 4जी में इंटरनेट की डाउनलोड स्पीड 150 मेगाबाइट्स प्रति सेकंड तक सीमित है। 5जी में यह 10 जीबी प्रति सेकंड तक जा सकती हैं। यूजर्स सिर्फ कुछ सेकंड्स में ही भारी से भारी फाइल डाउनलोड कर सकेंगे। 5जी में अपलोड स्पीड भी एक जीबी प्रति सेकंड तक होगी, जो कि 4जी नेटवर्क में सिर्फ 50 एमबीपीएस तक ही है। दूसरी तरफ 4जी के मुकाबले 5जी नेटवर्क का दायरा ज्यादा होने की वजह से यह बिना स्पीड कम हुए भी कई और डिवाइसेज के साथ जुड़ सकेगा।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।