दूरसंचार मंत्रालय द्वारा गठित 5जी (5G Service) कमेटी ने कहा है कि देश में अगली पीढ़ी की मोबाइल टेलीफोनी और अन्य व्यावसायिक सेवाओं के लिए करीब 6,000 मेगाहर्ट्ज (एमएचजेड) स्पेक्ट्रम फौरन उपलब्ध होने लायक है। कमेटी ने सरकार को अपनी अनुशंसा सौंप दी हैं। अगर अनुशंसा और सुझाव मान लिए जाते हैं, तो देश में बहुत जल्द 5जी सेवा लांच हो सकती है। इतना ही नहीं, स्पेक्ट्रम की उपलब्ध मात्रा के हिसाब से टेलीकॉम सेक्टर के लिए यह स्पेक्ट्रम की सबसे बड़ी नीलामी भी साबित होगी।
देश में 50 फीसद तक बढ़ाई जा सकती है
मोबाइल डाटा की स्पीड | 5G Service
कमेटी के सदस्य आरोग्यस्वामी पॉलराज ने कहा कि शुरुआत में 5-जी सेवा के जरिये देश में मोबाइल डाटा की स्पीड वर्तमान स्तर से 50 फीसद तक बढ़ाई जा सकती है। मल्टीपल इनपुट एंड मल्टीपल आउटपुट (एमआइएमओ/मीमो) वायरलेस टेक्नोलॉजी के अग्रणी और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर पॉलराज ने कहा कि दूरसंचार विभाग (डीओटी) नई सेवा के लिए स्पेक्ट्रम की उपलब्धता के क्षेत्र में मजबूत कदम उठा रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को 5-जी स्पेक्ट्रम की दरें वाजिब रखनी होंगी, ताकि टेलीकॉम सेवा प्रदाता कंपनियों के लिए उन्हें खरीद पाना और जल्द से जल्द सेवा शुरू कर पाना व्यवहार्य हो।
मीमो के जरिये वायरलेस सेवा की क्षमता में जबर्दस्त सुधार | 5G Service
- गौरतलब है कि मीमो के जरिये वायरलेस सेवा की क्षमता में जबर्दस्त सुधार संभव हो पाया है।
- वर्तमान में सभी नए वायरलेस सिस्टम में मीमो का उपयोग हो रहा है।
- टेलीकॉम स्पेक्ट्रम नीलामी के तहत करीब 2,354.55 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी की बोली लगाई थी।
- सरकार को साढ़े पांच लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि मिली थी।
- वर्तमान में मोबाइल फोन के सिग्नल 800 से 2,600 मेगाहर्ट्ज बैंड के जरिये भेजे जा रहे हैं।
- कमेटी ने 11 बैंड्स में 5-जी सेवा के लिए स्पेक्ट्रम की पहचान की है।
- प्रीमियम 700 मेगाहर्ट्ज बैंड के अलावा 3.5, 24 और 28 गीगाहर्ट्ज बैंड्स को 5-जी सेवा के लिए तत्काल उपलब्ध