सरकार से नौकरी बचाने की लगाई गुहार
- प्रबंधन पर ठेकेदार के साथ मिलीभगत का लगाया आरोप
रोहतक/सच कहूँ न्यूज। पीजीआई में ठेके पर लगे सुरक्षा कर्मियों ने सरकार से अपनी नौकरी बचाने की गुहार लगाई है। सिक्योरिटी कर्मियों का कहना है कि लगातार 15 साल नौकरी करने के बाद अब उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है। कोरोना संकट के चलते उन्होंने पूरी ईमानदारी से अपनी नौकरी की है, लेकिन अब उन्हें बिना कारण बताए ही नौकरी से निकाल दिया गया। अब वह अपने परिवार का पालन पोषण कैसे कर पाएंगे। साथ ही उन्होंने पीजीआई प्रबंधन पर भी ठेकेदार से साथ मिलीभगत का आरोप लगाया है। महिला सुरक्षा कर्मियों का तो यहां तक आरोप है कि कम्पनी के अधिकारियों द्वारा फिजिकल परीक्षण के दौरान उनका शोषण तक किया गया है।
सोमवार को काफी संख्या में पीजीआई में कार्यरत सुरक्षा कर्मचारी सिक्योरिटी कार्यालय में एकत्रित हुए और जमकर पीजीआई प्रबंधन व कम्पनी के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सिक्योरिटी कर्मी अजीत शर्मा ने बताया कि करीब 500 सिक्योरिटी गार्ड को बिना कारण बताए नौकरी से निकाल दिया गया है। हटाए गए सिक्योरिटी गार्ड पिछले 15 साल से पूरी ईमानदारी के साथ नौकरी कर रहे थे और अब ऐसे हालात में वह अपने परिवार का गुजारा कैसे करेंगे। उन्होंने बताया कि पीजीआई प्रबंधन द्वारा नई कम्पनी को ठेका दिया गया और कम्पनी के अधिकारी अपने चहेतों को नौकरी पर लगा रहे हैं, जबकि उन्हें प्राथमिकता के आधार पर पहले अवसर मिलना चाहिए। एक महिला सुरक्षा कर्मी ने आरोप लगाया कि पहले भी उनकी सैलेरी काटी गई है और हर साल नए डाक्यूमेंट लिए जाते रहे हैं। इतना ही नहीं पहले कभी भी उनका शारीरिक मापदंड नहीं किया गया, लेकिन इस बार पुरूषों द्वारा महिलाओं का मापदंड किया गया है, जोकि सरासर गलत है। पीजीआई सुरक्षा कर्मियों ने प्रदेश सरकार से अपनी नौकरी बचाने की गुहार लगाते हुए न्याय की मांग की है।
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