मुम्बई (एजेंसी)। शेयर बाजार (Stock Market) के निवेशकों के बुरे दिन खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे। बीते वर्ष की भारी तेजी के बाद हाल के कुछ माहों से विश्व भर के शेयर बाजार करेक्शन की चपेट में हैं। विशेष तौर पर रिकॉर्ड महंगाई के चलते ब्याज दरें बढ़ाने का दौर आरम्भ हुआ तथा बिकवाली तेज हो चुकी है। वीरवार के कारोबार में बीएसई सेंसेक्स तथा एनएसई निफ्टी दोनों 2-2 प्रतिशत से अधिक टूट गए।
इस वजह से निवेशकों ने एक झटके में बाजार (Stock Market) में 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक गंवा दिए। चौतरफा हो रही बिकवाली का आलम ऐसा रहा कि सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से सिर्फ 2 मतलब विप्रो तथा एचसीएल टेक ही ग्रीन जोन में रह पाईं। कारोबार के चलते सेंसेक्स एक समय लगभग 1,400 अंक तक गिर गया।
कारोबार खत्म होने के बाद सेंसेक्स 1,158.08 अंक (2.14 प्रतिशत) के नुकसान के साथ 52,930.31 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार ठरए निफ्टी 359.10 अंक (2.22 प्रतिशत) के नुकसान के साथ 15,808 अंक पर बंद हुआ। पिछले 1 महीने में सेंसेक्स 5,500 अंक टूट चुका है। निफ्टी भी पिछले एक महीने में लगभग 10 प्रतिशत गिरा है।
जानें, भारी गिरावट की मुख्य वजह
अमेरिका में महंगाई :- अमेरिका में महंगाई के ताजा आंकड़े जारी किए गए हैं। इसके मुताबिक, अप्रैल महीने में खुदरा महंगाई मार्च के 8.5 प्रतिशत से कम होकर 8.3 प्रतिशत पर आ गई है। हालांकि यह 8.1 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है। महंगाई के अभी भी ऊंचे स्तर पर बने रहने से इस बात की संभावना बढ़ गई है कि फेडरल रिजर्व रेट हाइक करने में आक्रामक बर्ताव अपना सकता है। इस वजह से डरे निवेशक बिकवाली कर रहे हैं।
मजबूत डॉलर:- अमेरिकी करेंसी डॉलर निरंतर मजबूत हो रहा है। अभी 6 प्रमुख मुद्राओं के बास्केट में डॉलर का इंडेक्स बढ़कर 103.92 पर पहुंच गया है। यह डॉलर का लगभग 2 दशक का सबसे उच्च स्तर है। डॉलर की इस रिकॉर्ड तेजी से मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। इसी हफ्ते भारतीय करेंसी ने डॉलर की तुलना में अपना आॅल-टाइम लो छुआ है। यह शेयर बाजार के सेंटिमेंट पर बुरा प्रभाव डाल रहा है।
कमजोर ग्लोबल ट्रेंड :- अमेरिकी बाजार में कल गिरावट देखने को मिली. डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 326.63 अंक मतलब 1.02 प्रतिशत की कमी में रहा। एसएंडपी500 में 1.65 प्रतिशत तथा में 3.18 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली। इसके बाद आज एशियाई बाजार भी नुकसान में रहे। जापान का निक्की 1.01 प्रतिशत गिरकर बंद हुआ तो हांगकांग का हैंगसेंग 1.05 प्रतिशत तथा दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.36 प्रतिशत के नुकसान में रहा।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली :- फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशक बीते कुछ महीनों से भारतीय बाजार में बिकवाल बने हुए हैं। आरभिंक आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार को एफपीआई ने 3,609.35 करोड़ रुपये की बिकवाली की। इस प्रकार मई महीने में एफपीआई ने अब तक17,403 करोड़ रुपये भारतीय बाजार से निकाल चुके हैं। इस वर्ष की बात करें तो 2022 में अब तक एफपीआई 1,44,565 करोड़ रुपये की बिकवाली कर चुके हैं।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।