प्रदेश सरकार की नाक के नीचे धान के बाद लगातार बढ़ता छात्रवृत्ति घोटाला
(Post Matric Scholarship Scam)
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एससी, एसटी व पिछड़ा वर्ग के छात्रों को दी जाने वाले पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में घोटाला
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पांच गिरफ्तार, कई चौंकाने वाले खुलासे
चंडीगढ़ (अनिल कक्कड़)। पिछले वर्ष जून माह में प्रदेश के एक सीनियर आइएएस अधिकारी ने (Post Matric Scholarship Scam) पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम के तहत विद्यार्थियों को दिए जाने वाले पैसे में बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा कर सरकार के होश उड़ा दिए थे। सरकार ने तुरंत विजीलैंस को मामला सौंपा तो लगातार हैरानीजनक खुलासे होते चले गए। सरकारी बाबुओं से लेकर कईयों के नाम सामने आए और गिरफ्तारियां हुर्इं। इसी के साथ घोटाले की रकम भी लगातार बढ़ती रही। शनिवार को पंचकुला विजीलैंस एसपी मनबीर सिंह ने इस मामले में प्रैस कांफ्रेंस कर खुलासा किया कि इस मामले में पांच और गिरफ्तारियां हुई हैं और घोटाले की रकम 45 करोड़ 31 लाख तक जा पहुंची है।
बता दें कि पिछले वर्ष अगस्त माह में विजीलैंस ने अपनी जांच के दौरान पाया कि प्रदेश के तीन जिलों सोनीपत, रोहतक और झज्जर में पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के फर्जी लाभपात्रों के नाम पर लगभग 26 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया और संभावना जताई गई कि इस मामले में कई फर्जी छात्रवृत्ति पाने वालों के नाम सामने आएंंगे। बताया गया कि जांच में 30 से 40 फीसद छात्र फर्जी पाए गए और फर्जी संस्थानों की संख्या 25 से 30 फीसद थी।
- घोटाले में सोनीपत, रोहतक और झज्जर जिलों के जिला कल्याण अधिकारी व दो उप निदेशकों सहित।
- हेडक्वार्टर में लेखा अनुभाग में तैनात अन्य कर्मियों की संलिप्तता पाई गई।
- विजिलेंस ने केस दर्ज कर लिए और आरोपितों को गिरफ्तार किया।
तत्कालीन उपनिदेशक, क्लर्क सहित पांच गिरफ्तार
वहीं ताज़ा जांच में विजीलैंस ने इस घोटाले से जुड़े पोस्ट मैट्रिक स्कीम के तत्कालीन उपनिदेशक रविंद्र सांगवान, जिला कल्याण अधिकारी सोनीपत के क्लर्क सुरेंद्र कुमार, राहुल निवासी रोहतक, गुरुदेव कौर और कुमारी रितिका निवासी डेरा बस्सी को गिरफ्तार किया है। एसपी मनबीर ने बताया कि पंचकुला, हिसार और रोहतक के विजीलैंस थानों में इस मामले से जुड़े केस दर्ज हैं|
- जांच के बाद यह घोटाला बढ़कर 45 करोड़ 31 लाख तक जा पहुंचा है।
- जिसमें पंचकुला से 89,61,372 रुपए, रोहतक से 23,06,92,273 रुपए और हिसार से 21,35,28,753 रुपए का घोटाला हुआ है।
ऐसे होता था घोटाला
जांच के दौरान पाया गया कि पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत लाभार्थियों के आधार नंबर से छेड़छाड़ कर फर्जी खातों में पैसे हस्तांतरित करके पात्र छात्रों की राशि का गबन राज्य के विभिन्न जिलों में किया जा रहा था। जब बैंक ने योजना से संबंधित खातों में मिसमैच पाया तो बैंक की शिकायत पर संबंधित विभाग ने इस मामले की जांच की। जांच में खुलासा हुआ है कि घोटालेबाजों ने फर्जी संस्थानों, आधार कार्ड नंबर बदलकर व फर्जी छात्रों के नाम पर भी छात्रवृति योजना के तहत राशि लेकर गबन कर रहे थे।
दर्जनों पर केस दर्ज
वहीं जांच के दौरान घोटाले की परतें जैसे जैसे खुलती गर्इं कई बड़े अधिकारियों से लेकर छोटे अधिकारियों, क्लर्कां एवं आम सौदेबाज़ों के चेहरे बेनकाब होते गए। इस मामले में हिसार, भिवानी, रोहतक, पंचकूला सहित अन्य जिलों के दर्जनों छोटे-बड़े अधिकारियों, कर्मचारियों एवं आम लोगों पर केस दर्ज हुए हैं।
- हालांकि अभी भी मामले की जांच जारी है ऐसे में कहा जा सकता है
- अभी और भी कई खुलासे होंगे और घोटाला की गई रकम में भी इज़ाफा हो सकता है।
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