मोबाइल इंटरनेट की गति 2-जी तक ही सीमित | Internet Service
नई दिल्ली (एजेंसी)। कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के बढ़ते प्रकोप पर विराम के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 4-जी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल करने संबंधी याचिका उच्चतम न्यायालय में को दायर की गई। फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रोफेशनल्स की ओर से दायर जनहित याचिका में सरकार के उस आदेश को चुनौती दी गयी है, जिसमें मोबाइल इंटरनेट की गति 2-जी तक ही सीमित रखी गयी है।
याचिका में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर की जनता को 4-जी इंटरनेट सेवाओं से वंचित रखना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 19, 21 और 21ए का उल्लंघन है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने अगस्त में जम्मू-कश्मीर से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 एवं 35ए को समाप्त किए जाने के बाद इंटरनेट संचार सुविधाएं समाप्त कर दी थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने गत जनवरी में इंटरनेट सेवा रोकने को गैर-कानूनी करार दिया था। उसके बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इंटरनेट सेवाएं तो शुरू की थी, लेकिन केवल 2-जी इंटरनेट सेवाएं ही बहाल की है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि केंद्र सरकार ने कोरोना की रोकथाम को लेकर कई प्रशंसनीय पहल की है, लेकिन 2जी इंटरनेट सेवाओं के कारण ये सेवाएं वहां की जनता को मयस्सर नहीं है। इसलिए वहां 4-जी इंटरनेट सेवा बहाल करने का निर्देश जारी किया जाए।
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