सफलता : हरियाणा में फरीदाबाद के प्रभजीत व्यक्ति को लगाया गया
(Unique technology)
-
नए जबड़े की मदद से अब उसका मुंह पर पूरा नियंत्रण वापस आया
नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल के चिकित्सकों ने अपनी तरह की अनूठी एवं पहली शल्य क्रिया के तहत 3डी प्रिटिंग टेक्नॉलॉजी की मदद से एक मरीज का जबड़ा पुननिर्मित करके उसे फिर से खाना खाने में सक्षम बना दिया है। इस अनूठी टेक्नॉलॉजी की मदद से टिटेनियम जबड़े को तैयार किया गया जिसे हरियाणा में फरीदाबाद के प्रभजीत (30) नामक व्यक्ति को लगाया गया। (Unique technology) इस नए जबड़े की मदद से अब उसका मुंह पर पूरा नियंत्रण वापस आ गया है और सात वर्ष के बाद वह अपना भोजन सही तरीके से चबाकर खाने में समर्थ हो गया है।
कैंसर के कारण प्रभजीत का जबड़ा निकाल दिया था लेकिन अब नए जबड़े से उसका आत्मविश्वास लौट आया है और वह अपने चेहरे के आकार को लेकर बहुत संतुष्ट है। फोर्टिस अस्पताल वसंत कुंज के हेड,नेक और ब्रेस्ट ओंकोलॉजी के प्रमुख डॉ मंदीप सिंह मल्होत्रा और उनकी टीम ने इस पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया। डॉ मल्होत्रा ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया कि एसएलई रोग और टीएम ज्वाइंट के पुनर्निर्माण के कारण वह इस मामले में पारंपरिक प्रक्रिया नहीं अपनाना चाहते थे जिसमें जबड़े की हड्डी के पुनर्निर्माण के लिए पैर के निचले भाग से फिब्युला का इस्तेमाल किया जाता है।
3डी प्रिटिंग टेक्नॉलॉजी उन सभी लोगों के लिए उम्मीद की नई किरण
एसएलई के कारण फिब्युला हड्डी तक रक्त प्रवाह नहीं हो पा रहा था, साथ ही इस प्रक्रिया में पैर की हड्डी भी गंवानी पड़ सकती थी जिसकी भरपाई नहीं हो सकती थी। टीएम ज्वाइंट पुनर्निर्माण सिर्फ प्रोस्थेटिक ज्वाइंट तैयार कर उसे उपयुक्त स्थान पर लगाकर ही मुमकिन थे। उन्होंने कहा कि 3डी प्रिटिंग टेक्नॉलॉजी की मदद से प्रोस्थेटिक जबड़ा तैयार करने पर विचार किया जिसके लिए टिटेनियम का इस्तेमाल किया गया जो सर्वाधिक बायोकॉम्पेटिबल और लाइट मैटल है।
- सफलता पर एफएचवी के फैसिलिटी डायरेक्टर डॉ राजीव नय्यर ने कहा है ।
- 3डी प्रिटिंग टेक्नॉलॉजी उन सभी लोगों के लिए उम्मीद की नयी किरण है ।
- ओरल कैंसर पर विजय हासिल कर ली है ।
- अब उनका जीवन काफी हद तक सामान्य हो सकता है।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।