34वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय  हस्तशिल्प मेला शुरू

34th Surajkund

राष्ट्रपति बोले- मेले में भारत के गांवों की खुशबू और हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परम्परा के विविध रंगों की महक (34th Surajkund)

  • राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया उद्घाटन

फरीदाबाद (सच कहूँ/राजेन्द्र दहिया)। विलुप्त हो रही हस्तशिल्प कलाओं, हथकरघा उत्पादों और कलाकारों के संरक्षण के लिए 1987 में शुरू किया गया सूरजकुंड मेला अब विशाल रूप ले चुका है और अब यह विदेशी पर्यटकों के बीच और अधिक लोकप्रिय होता जा रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को सूरजकुंड में 34वें सूरजकुंड (34th Surajkund) अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला-2020 का शुभारंभ रिबन काट कर और दीप प्रज्जवलन कर किया। इस मौके पर हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और उज्बेकिस्तान के राजदूत भी उपस्थित थे।

राष्ट्रपति ने अपनी धर्मपत्नी श्रीमती सविता कोविन्द के साथ मेले का अवलोकन किया

इस अवसर पर राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि वर्ष 1987 में इस मेले का पहली बार आयोजन किया गया था। आज यह मेला विलुप्त हो रहे हस्तशिल्प और हथकरघा की विशेष कला-विधाओं को संरक्षित करने और बढ़ावा देने तथा कारीगरों को उनके काम को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से उचित मंच प्रदान कर रहा है। यह मेला वास्तव में भारत के हस्तशिल्प, हथकरघा और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की विविधता को उपयोगी व रोचक तरीके से प्रदर्शित करता है।

  • यह मेला केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करता है।
  • मेले में भारत के गांवों की खुशबू और हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परम्परा के विविध रंगों की महक महसूस की जा रही है।

उज्बेकिसान सहभागी देश और हिमाचल सहभागी प्रदेश

34वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला-2020 में उज्बेकिस्तान सहभागी देश और हिमाचल प्रदेश सहभागी प्रदेश के तौर पर भाग ले रहे हैं। इस वर्ष मेले में 20 लाख से अधिक लोगों के आने का अनुमान है। पिछले साल 13 लाख से अधिक लोग मेला देखने पहुंचे थे, जिनमें से एक लाख से भी ज्यादा विदेशी पर्यटक थे।

40 एकड़ में 30 देशों की लगी 1200 स्टालें

आप हथकरघा के उत्पादों को पसंद करते हैं तो सूरजकुंड मेला आपके लिए बिल्कुल सही जगह है। विश्व में सबसे बड़े क्राफ्ट मेले के तौर पर पहचान बना चुके सूरजकुंड मेले की सुदंरता देखते ही बनती है। मेले में आने के लिए आप आॅनलाईन टिकट भी खरीद सकते हैं। मेला 40 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में फैला हुआ है और इस बार यहां भारत के विभिन्न प्रदेशों सहित लगभग 30 देशों की 1200 स्टाल लगाई गई हैं।

  • इन स्टालों पर बेहतरीन और विख्यात कारीगरों द्वारा तैयार उत्पाद खरीदे जा सकते हैं।
  • मेले में आने वाले लोगों के मनोरंजन का भी पूरा प्रबंध किया गया है।
  • मेले के दौरान प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा।

 

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