339 मरीजों को मिला बीमा लाभ

  • योजना। भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना
  • मंत्री-कलक्टर के निर्देशों का भी नहीं होता असर

Churu, SachKahoon News:  राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना (बीएसबीवाई) संभाग के दूसरे सबसे बड़े जिला चिकित्सालय राजकीय डेडराज भरतीया में दम तोड़ रही है। यहां पर 63 चिकित्सकों सहित करीब तीन सौ का स्टाफ कार्यरत है। लेकिन 11 माह में केवल 339 मरीजों को भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मिल सका है। इसकी तुलना में राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों ने गिनती के चिकित्सकों व स्टॉफ के सहारे ही चार सौ से छह सौ मरीजों को इसका लाभ दिला दिया है।

भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ उठाने में जिले के तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों ने जिला अस्पताल को पीछे छोड़ दिया है। राजगढ़, बीदासर व कानूता सीएचसी ने चूरू के डेडराज भरतीया अस्पताल से अधिक क्लेम उठाया है। इसके अलावा रतनगढ़ व सुजानगढ़ उप जिला चिकित्सालय भी जिला चिकित्सालय को पीछे छोड़ चुके हैं, जबकि यहां पर सर्जन से लेकर अन्य वरिष्ठ चिकित्सकों व अन्य चिकित्सकों की काफी कमी है।

महिलाओं व बच्चों के लिए अलग से 100 बैड की सुविधा चार सौ बैड की सुविधा तीन आॅप्रेशन थिएटर पीपीपी मोड पर सीटी स्कैन रेडियोलॉजी विभाग/सोनोग्राफी अलग से ट्रामा व बर्न यूनिट बच्चों के लिए गहन शिशु उपचार इकाई 24 घंटे जांच  24 ब्लड उपलब्ध है

स्टाफ पर भी एक नजर
पद                              संख्या
वरिष्ठ विशेषज्ञ            10
कनिष्ठ विशेषज्ञ          20
वरिष्ठ चि. अधिकारी   05
चिकित्सा अधिकारी     27
एएनएम                      80
टेक्निकल                    09
फार्मासिस्ट                  08
अन्य                           40
अनुबंध पर                   100

क्या बोले अधिकारी
भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना का पूरा लाभ उठाने का प्रयास किया जा रहा है। मार्गदर्शकों को इसके लिए पाबंद कर दिया गया। एक चिकित्सक को भी इसके लिए लगा दिया गया है। इस महीने से गति और बढ़ी है।
डॉ. जेएन खत्री, पीएमओ, डीबीएच

निजी अस्पतालों से कोसों दूर
वहीं योजना से बाद में जुड़े निजी चिकित्सालयों ने 63 चिकित्सकों से सुसज्जित डीबीएच को कोसों पीछे छोड़ दिया है। डीबीएच के मरीजों को पांच लाख को भी क्लेम नहीं उठा सके। वहीं रविन्द्र हॉस्पिटल ने 117 मरीजों में ही 10.25 लाख रुपए क्लेम उठा लिया। इसी प्रकार शिवम हॉस्पिटल ने 345 मरीजों में 27.50 लाख, चौधरी अस्पताल ने 133 मरीजों में 18.19 लाख रुपए, एचएन नर्सिंग अस्पताल ने सबसे ज्यादा 409 मरीजों में 39.61 लाख रुपए, शीला अस्पताल ने 24 मरीजों में 1.39 लाख रुपए तथा भारत अस्पताल ने 38 मरीजों में 1.47 लाख रुपए उठा लिए।