नयी दिल्ली। सरकार ने कहा है कि देश में 15 से 29 सितंबर के बीच देशभर में स्वच्छता आंदोलन चलाया गया जिसमें 32 करोड़ लोगों ने हिस्सेदारी की और यह अभियान ‘स्वच्छता ही सेवा अभियान’ जन आंदोलन बनकर उभरा।
जलशक्ति मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि इस पखवाड़े में दैनिक आधार पर 2.3 करोड़ लोगों ने भागीदारी की और कुल 32 करोड़ से अधिक लोग राष्ट्रव्यापी अभियान में शामिल हुए। इस दौरान 15 करोड़ नागरिकों ने श्रमदान में भाग लिया और 3.68 लाख लोगों ने ‘स्वच्छ भारत’ गतिविधियों में योगदान दिया।
मंत्रालय के अनुसार एक अक्टूबर को ‘एक तारीख एक घंटा एक साथ’ अभियान के हिस्से के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक घंटे के नागरिकों के नेतृत्व वाले ‘स्वच्छता के लिए श्रमदान’ के आह्वान के साथ एक पखवाड़े तक चले इस अभियान का समापन होगा। इस पखवाड़े की 15 सितम्बर को शुरुआत हुई और अभियान की थीम ‘कचरा मुक्त भारत’ है और 14 दिन तक चले इस राष्ट्रव्यापी अभियान में 32 करोड़ से अधिक लोगों ने भागीदारी की।
इस साल चले स्वच्छता अभिनयान के दौरान लगभग 5300 समुद्र तटों की सफाई, 4300 नदी तटों और जलमार्गों को पुनर्जीवित कर 10,700 से अधिक विरासत अपशिष्ट स्थलों का पुनरुद्धार किया गया और 2400 पर्यटन और प्रतिष्ठित स्थलों को बेहतर बनाकर 93,000 से अधिक सार्वजनिक स्थानों में स्वचछता की गई। इसके अतिरिक्त 12,000 से अधिक जल निकायों की सफाई की गई, 60,000 से अधिक संस्थागत भवनों का कायाकल्प हुआ और लगभग 47,000 कचरा-संवेदनशील स्थलों को साफ किया गया। मंत्रालय के अनुसार ये आंकड़े तेजी से बदलाव लाने के लिए ‘जन आंदोलन’ के दृढ़ समर्पण एवं शक्ति को दर्शाते हैं।
मंत्रालय के अनुसार इस अभियान का एक अक्टूबर को समारोहपूर्वक समापन होगा। एक अक्टूबर को देश के नागरिक ‘एक तारीख एक घंटा एक साथ’ के हिस्से के रूप में विभिन्न स्थानों पर स्वच्छता अभियान चलाने के लिए सुबह 10 बजे ‘स्वच्छता के लिए श्रमदान’ के एक घंटे के लिए सहयोग करेंगे। प्रधानमंत्री ने अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात की 105वीं कड़ी में एक अक्टूबर को सुबह 10 बजे स्वच्छता के लिए एक घंटे का श्रमदान करने की अपील करते हुए कहा कि बापू की जयंती की पूर्व संध्या पर उन्हें ‘स्वच्छांजलि’ दी जाएगी।