कोरोना वायरस जैसे 30 हजार नए वायरस जानवरों में मौजूद, फैला सकते हैं भयंकर महामारियां!

Problems in China

वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन से फैलेंगे ये वायरस!

चंडीगढ़ (अनिल कक्कड़)। इस वक्त पूरी दुनिया कोरोना वायरस कोविड-19 की वजह से महामारी झेल रही है। 8 लाख से ज्यादा लोग इस समय इस महामारी की चपेट में है और 38 हजार से ज्यादा मौतें पूरी दुनिया में इस महामारी से हो चुकी हैं। भारत के साथ-साथ चीन, फ्रांस, इटली, न्यूजीलैंड, पौलेंड और इंग्लैंड इत्यादि तमाम बड़े एवं इनके साथ-साथ दर्जनों छोटे देशों में पूरी तरह से सख्त लाकडाउन अपने देशों में घोषित कर रखा है। New Viruses Like Corona

जानवरों के मांस और परजीवियों से इंसानों में फैलेंगे, रोकना होगा असंभव!

लोग अपने घरों में कैद हैं और इस भयानक महामारी से डरे हुए हैं। लेकिन यदि आपको पता चले कि कोरोना वायरस जैसे 30 हजार और वायरस दुनिया को डराने के लिए तैयार-बर-तैयार हैं तो आप का डरना लाजमी है। दरअसल महामारी विद डॉ सैथ बर्कले ने इस बाबत खुलासा कर पूरी दुनिया को चैकस रहने को बोल दिया है। डॉ बर्कले के हवाले से अंतराष्ट्रीय पत्रकार जैफ मैकमोहन की एक रिपोर्ट अंतराष्ट्रीय पत्रिका फोर्ब्स ने छापी है। जिसमें बताया गया है कि दुनिया को वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन के कारण कोरोना जैसे 30 हजार नए वायरसों का सामना आने वाले समय में करना पड़ सकता है।

दुनिया के प्रमुख देशों को बढ़ा देनी चाहिए अपनी निगरानी

दुनिया की प्रमुख वैससीन एलियांस गावी के चीफ एक्जीक्यूटिव आॅफिसर डॉ बर्कले का मानना है कि मौजूदा समय में जहां-जहां वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन की वजह से भयानक बदलाव झेल रहे स्थानों पर इन वायरसों के उभरने का खतरा है। ऐसे स्थानों पर संबंधित सरकारों को तुरंत अपना ध्यान इन क्षेत्रों की ओर बढ़ा देना चाहिए।

इन क्षेत्रों में और महामारियां फैलने का खतरा

डॉ बर्कले के अनुसार ऐसे क्षेत्र जहां वनों की अत्याधिक कटाई हुई हो और जहां शहरी स्लॅम बस्तियां अत्याधिक हों और वहां भारी जनसंख्या निवास करती हो, इन क्षेत्रों में भारी खतरे रहने की संभावना है। इन क्षेत्रों में वातावरण में आए बदलाव के कारण वैक्टर्स (मच्छर एवं अन्य परजीवी) द्वारा बीमारियां फैलाए जाने का खतरा बढ़ेगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि मौजूदा कोेरोना वायरस चमगादड़ों से पैदा हुआ है और चमगादड़ों से अन्य जीवों में व फिर उन जीवों से इंसानों में आया है।

जानवरों या परजीवियों से इंसानों में वायरस आना नई बात नहीं

  • डॉ बर्कले का मानना है कि जानवरों या परजीवियों से इंसानों में वायरस का आना नई बात नहीं है।
  • डॉ बर्कले कहा कि यह तीसरा कोरोनावायरस है जो इंसानों में जानवरों से आया है।
  • इससे पहले 2002 में सार्स, फिर मर्स और अब कोविड-19।
  • ये सब वायरस जानवरों से इंसानों में आए हैं।

जानवरों में कोेरोना जैसे 30 हजार वायरस मौजूद

महामारीविदों ने जानवरों में मौजूद कोरोनावायरसों की संख्या पर गहरा शोध किया है और पाया है कि करीबन 30 हजार कोरोना वायरस जैसे वायरस जानवरों में मौजूद हैं। महामारीविद इस बाबत एक स्टडी की मांग कर रहे हैं कि इन 30 हजार वायरसों में से कौन-कौन से वायरस इंसानी कोशिकाओं में समा सकते हैं। डॉ बर्कले ने इस संबंध ने कहा कि संपन्न लोग इस संबंध में रिसर्च पर इन्वैस्ट नहीं करना चाहते। डॉ बर्कले मानते हैं निश्चित तौर पर उन्हें यह लगता है कि यह एक विकासवादी निश्चित्ता है कि दुनिया इन वायरसों का कहर भी देखे।

जिंदा जानवरों और उनके मांस की खरीद-बेच से होगा नए वायरसों जन्म

हाल ही में साइंटिफिक अमेरिकन मैगजीन में छपे अपने आर्टिकल में लिखा कि जिंदा जानवरों और उनके मांस की खरीद-बेच, जिनमें बुशमीट, चमगादड़, बंदर एवं अन्य जानवर इत्यादि से नए वायरसों का जन्म होना तय है। वहीं बढ़ती जनसंख्या और सघन घनत्व वाली बस्तियों में इन वायरसों का फैलना और आसान हो जाएगा। डॉ बर्कले का कहना है कि हमें पता है कि ये वायरस कहां से आ रहे हैं और कौन इन्हें ला रहा है लेकिन हम उन्हें रोकने के लिए ज्यादा कुछ नहीं कर पा रहे हैं। उनका कहना है कि महामारी फैलने के बाद हर कोई इससे बाहर निकलना चाहता है और सब कुछ न्यौछावर करने को तैयार होता है, क्योंकि उसके बच्चों की जिंदगी का भी सवाल होता है लेकिन उससे पहले उसे रोकने के लिए किसी का ध्यान नहीं होता।

 

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