साध-संगत, डेरा सच्चा सौदा मैनेजमेंट, सामाजिक और राजनीतिक शख्सियतों ने दी नम आंखों से श्रद्धांजलि, साध-संगत ने शरीरदानी को किया सैल्यूट
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ब्लॉक अबोहर की शरीरदान की सूची में 29वां शरीरदान दान हुआ दर्ज
सच कहूँ /सुधीर अरोड़ा, अबोहर। डेरा सच्चा सौदा की पावन शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए ब्लॉक अबोहर के निवासी 25 मैंबर और पूर्व वन रेंज अधिकारी सुखमंदर सिंह इन्सां(Sukhmandar Singh Insan) ने शरीरदानी होने का गौरव हासिल किया। उनका पार्थिव शरीर परिवार की तरफ से उनकी अंतिम इच्छानुसार शहीद हसन खान मेवाती गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज नलहार जिला नुंह, हरियाणा मेडिकल रिसर्च को दान कर दिया। बुधवार देर शाम सुखमंदर सिंह इन्सां इस नश्वर संसार को छोड़कर कुल मालिक के चरणों में सचखंड जा विराजे थे।
सचखंडवासी के परिजनों ने बताया कि सचखंडवासी 75 वर्षीय सुखमंदर सिंह इन्सां(Sukhmandar Singh Insan) ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए जीते जी ही मरणोंपरांत शरीरदान करने का लिखित में प्रण लिया हुआ था। उनकी पार्थिव देह को उनके रिश्तेदारों व डेरा सच्चा सौदा श्रद्धालुओं ने ‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ का पवित्र नारा लगाकर व ‘शरीरदानी सुखमंदर सिंह इन्सां’ अमर रहे के नारे के साथ सम्मान पूर्वक सीतो रोड़ स्थित उनके गृह निवास से मलोट रोड़ चौक तक अंतिम यात्रा निकाल कर विदाई दी, जिसमें विभिन्न ब्लॉकों की साध-संगत, डेरा सच्चा सौदा की मैनेजमेंट से सी. वाईस चेयरमैन डॉ. पीआर नैन इन्सां, सुखदेव सिंह दीवाना इन्सां, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान सहित कई अन्य राज्यों से 45 मैंबर, सामाजिक और राजनीतिक शख्सियतों सहित शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग के सदस्यों ने नम आँखों से श्रद्धांजलि देकर सैल्यूट किया। उनकी अर्थी को बेटों और पुत्रवधूओं ने कंधा दिया।
सचखंडवासी के बेटे रुहपास इन्सां ने बताया कि उनके पिता की अंतिम इच्छानुसार रिसर्च हेतु उनका पार्थिव शरीर मेडीकल रिसर्च को दान कर दिया गया है। सुखमंदर सिंह इन्सां अपने पीछे पत्नी, बेटों सहित भरा-पूरा परिवार छोड़ गए है।
आपको बता दें कि सचखंडवासी सुखमंदर सिंह इन्सां(Sukhmandar Singh Insan) ने शाह मस्ताना जी महाराज से नाम शब्द की अनमोल दात लेकर अनेकों जीवों को नाम शब्द दिलवाया व अभी वे अपनी चार पीढ़ियों से डेरा सच्चा सौदा के साथ जुड़कर मानवता भलाई कार्यों में बेहतरीन सेवाएं करते आ रहे थे। उन्होंने वन विभाग में रेंज अधिकारी के पद पर सेवा की। उन्होंने डेरा सच्चा सौदा दरबार, सरसा व मौजपुर धाम बुधरवाली दरबार में भी सेवाएं दी।
उनका जन्म गांव फुल्लू खेड़ा जिला श्रीमुक्तसर साहिब में पिता स. गुरदेव सिंह व माता अजमेर कौर के घर हुआ, वे एक मिलनसार व्यक्ति थे, हमेशा सतगुरु, परमात्मा की बातें ही किया करते थे। उन्होंने अपने पूरे परिवार को डेरा सच्चा सौदा से जोड़ा। आज पूरा परिवार मानवता भलाई के कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहा है और उनके बेटे गुरदात सिंह इन्सां सेवा में हमेशा अग्रणी रहते हैं।
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