UP News: (सच कहूं/अनु सैनी) । यूपी में रेलवे लाइन के क्षेत्र में एक नई शुरुआत होनी वाली है। दरअसल 240 किलोमीटर लंबी खलीलाबाद-बलरामपुर बहराइच से रेलवे लाइन बिछाई जाएंगी, जो प्रदेश के 293 गांवों को सीधा फायदा देगी। वहीं इस परियोजना से नए सिर्फ जमीनों की कीमतों में उछाल आएगा बल्कि रोजगार के नए अवसर भी विकसित होंगे और क्षेत्र का अच्छा विकास भी हो पाएगा। Railway News
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खलीलाबाद-बलरामपुर-बहराइच रेलवे लाइन | Railway News
दरअसल उत्तर प्रदेश में खलीलाबाद बलरामपुर और बहराइच रेल लाइन की घोषणा 2017 में तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने की थी। इस नई रेलवे लाइन की कुछ लंबाई 240 किलोमीटर होगी और इसकी लागत 4939.78 करोड़ रुपये बताई गई है। इस परियोजना के अंतर्गत कुल 32 रेलवे स्टेशन और हाल्ट बनाएं जाएंगे। जिससे लाखों लोगों की यात्रा में सुविधा होगी और समय की बचत भी होगी।
प्रथम चरण में होगा 54 किलोमीटर का कार्य | Railway News
खलीलाबाद बलरामपुर बहराइच रेल लाइन परियोजना के प्रथम चरण में खलीलाबाद से बांसी तक 54 किलोमीटर का कार्य होगा। इस चरण के लिए खलीलाबाद तहसील के क्षेत्र के 29 गांवों के किसानों की 35 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की जाएगी। रेलवे प्रशासन ने इन 29 गांवों की जमीन अधिग्रहण का नोटिस जारी कर दिया है और 30 दिनों तक आपत्तियां मांगी गई है। आपत्तियों के निस्तारण और आपसी सहमति के बाद किसानों को जमीन अधिग्रहण का मुआवजा दिया जाएगा।
रेल लाइन से जुड़ेंगे प्रदेश के 293 गांव
इस नई रेल लाइन से संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती और बहराइच जिलों के कुल 293 गांव सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। इनमें संतकबीरनगर के 56 गांव, सिद्धार्थनगर के 93 गांव, बलरामपुर के 65 गांव, श्रावस्ती के 30 गांव और बहराइच के 19 गांव शामिल हैं। इस सभी गांवों की जमीन अधिग्रहण करने की प्रक्रिया चल रही है और सर्वे भी जारी है।
जमीन अधिग्रहण करने की प्रक्रिया
दरअसल प्रथम चरण में खलीलाबाद से बांसी तक 54 किलोमीटर के काम के लिए कुल 142 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की जाएगी। इसमें संतकबीरनगर जिले के खलीलाबाद तहसील क्षेत्र के 31 गांवों की 75.128 हेक्टेयर जमीन और मेंहदावत तहसीलदार क्षेत्र के 25 गांवों की 66.862 हेक्टेयर जमीन शामिल हैं।
वहीं पहले चरण में एलाइमेंट बदलने के कारण प्रक्रिया रुक गई थी, लेकिन अब प्रशासन ने 29 गांवों में भूमि अधिग्रहण की नई प्रक्रिया शुरू की है और इसके लिए पहली सूचना दी गई है। एक महीने में आपत्तियों के निस्तारण के बाद भूमि अधिग्रहण शूरू होगा।
इन गांवों में जारी किया गया नोटिस
मेंहदावल तहसील क्षेत्र के घोरकटा, बधिनी, रेशपुर, परसवनिया, अमथरी, धोबहा, सिघौनी, लंगडाबर गांवों में भूमि अधिग्रहण का नोटिस जारी किया गया है। खलीलाबाद तहसील क्षेत्र में चिट्ठापार, देवकली, नाउडाड, जीनखाल, नाजिरजोत, बरहटा, भुअर, भिरवा, बारी गांव, मखदूमपुर, भगवानपुर, कडसरी, समदा, अतरी, हारा पट्टी, बढया बाबू, लोरिक बारी, तरकुलवा, मडया, उस्काकला गांवों में नोटिस दिया गया है। खलीलाबाद- बलरामपुर -बहराइच रेल लाइन की स्थापना से इस क्षेत्र के लाखों लोगों को आने-जाने की सुविधा मिलेगी। इससे इन क्षेत्रों का विकास होगा और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे । जमीनों की कीमतों में तगड़ा उछाल आने से किसानों और स्थानीय निवासियों को आर्थिक लाभ होगा। इसके अलावा, इस रेल लाइन के शुरू होने से व्यापार और उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे आर्थिक विकास को नया आयाम मिलेगा।
बता दें कि किसानों की जमीन की अधिग्रहण इस रेल लाइन के निर्माण में सबसे बड़ी बाधा है। जब 2017 में इस परियोजना की घोषणा की गई थी, तो लोगों को उम्मीद थी कि यह जल्द ही शुरू हो जाएगा और इस क्षेत्र को भी रेल लाइन से जोड़ा जाएगा। लेकिन जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया और एलाइनमेंट बदलने के कारण परियोजना में देरी हुई है। अब प्रशासन ने नई प्रक्रिया शुरू की है, जिससे किसानों को मुआवजा मिलने की उम्मीद बढ़ी है।