कंगारू जानवर केवल ऑस्ट्रेलिया में पाए जाते हैं। ऑस्ट्रेलिया के सिवाए कंगारू दुनिया के किसी भी हिस्से में नहीं पाए जाते हैं। कंगारूओं की पूंछ लंबी और मोटी होती है जो सिरे की ओर पतली होती जाती है। इनकी पिछली टांगें लंबी और मजबूत होती हैं जिसकी सहायता से यह उछल-उछल कर चल सकते हैं। इनकी आगे की टांगे छोटी होती हैं जिन्हें कई बार इनके हाथ भी कह दिया जाता है। कंगारू धानीप्राणी वर्ग के जीव हैं। धानीप्राणी या मारसूपियल स्तनधारी जानवरों का एक वर्ग है जो अपने बच्चों को अपने पेट के पास बनी हुई एक थैली में रखकर चलते हैं।
इस लेख में आपको कंगारूओं के आकार, निवास-स्थान, व्यवहार, भोजन, संतान उत्पत्ति और पूर्वजों की जानकारी मिलेगी। लाल कंगारू कंगारूओं की सबसे बड़ी प्रजाति है जिनके सिर से लेकर उनके पिछले हिस्से तक की लंबाई 3 से साढ़े 5 फीट तक होती है। इनकी पूंछ इनकी लंबाई में 2 से 3 फुट की बढ़ोतरी कर देती है। लाल कंगारूओं का औसतन वजन 90 किलो तक होता है। दुनिया के सबसे छोटे कंगारू ‘मस्की रेट कंगारू’ होते है जिनकी लंबाई महज 6 से 8 इंच होती है। इनकी पूंछ इनकी लंबाई में 5 से 6 इंच की बढ़ोतरी कर देती है और इनका औसतन वजन लगभग 350 ग्राम होता है। ऑस्ट्रेलिया में इनकी 21 प्रजातियों को अब तक खोजा गया है जिनमें 158 जातियां तथा उपजातियां शामिल हैं। हर प्रजाति के रहने का ढंग अलग-अलग है। उदाहरण के लिए- मस्की रेट कंगारू ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड राज्य के वर्षा वनों की जमीन पर घोंसले बनाकर रहना पसंद करता है। दूसरी और ग्रे कंगारू तस्मानिया राज्य के जंगलों में रहना पसंद करते हैं। एंटीलोपाईन कंगारू उत्तरी ऑस्ट्रेलिया के मानसून जंगलों में पाए जाते हैं। ट्री कंगारू क्वींसलैंड राज्य के वर्षा वनों के पेड़ों पर रहना पसंद करते हैं आदि।
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