हो सकता था बड़ा हादसा ( fire in ICU)
अलवर। प्रदेश में नन्हें बच्चों की लगातार मौत हो रही है। कोटा के शिशु अस्पताल के बाद अब अलवर के गीतानंद शिशु अस्पताल में एक बड़ा मामला सामने आया है। गीतानंद शिशु अस्पताल के एफबीएनसी वार्ड में एक 20 दिन की नवजात बच्ची गंभीर रुप से झुलस गई। बच्ची के परिजनों के अनुसार उसका 80 प्रतिशत शरीर झुलस गया है। घटना सुबह 5 पांच बजे की है जहां शिशु अस्पताल के एफबीएनसी वार्ड में आग लगने से बच्ची जल गई। बच्ची को बेबी वार्मर में रखा गया था। सुबह पांच बजे अस्पताल से परिजनों को फोन कर कहा गया कि जल्दी अस्पताल पहुंच जाएं, यहां इमरजेंसी है। जब बच्ची के पिता राहुल गौड़ सहित कुछ लोग मौके पर पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि बच्ची जल गई है।
परिजनों ने चिकित्सकों पर लगाया लापरवाही का आरोप
बच्ची के पिता राहुल गौड़ का कहना है कि उनकी 13 दिन पहले बच्ची को सांस लेने में समस्या हो रही थी तो उन्हें चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था ओर यहां उसे कत्रिम आॅक्सीजन भी दी जा रही थी। बच्ची के स्वास्थ्य में सुधार आ गया था और उसे मंगलवार को सामान्य वार्ड में शिफ्ट करा था। परिजन पहुंचे तो बच्ची 80 फीसदी तक जल गई। परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। आपको बता दें एफबीएनसी वार्ड बेहद सेंसीबल होता है, यहां परिजनों को भी रुकने नहीं दिया जाता।
- बच्चों की जिम्मेदारी और जवाबदेही चिकित्सकों की होती है।
- सुबह बेबी वार्मर से धुआं निकलता रहा, लेकिन किसी ने देखा तक नहीं ।
- जब धुंआ फैला तब जाकर चिकत्सालय प्रशासन की नींद खुली।
- वार्ड में आग लगी, उस दौरान वहां 13 बच्चे और थे, धुआं निकलने के बाद अन्य बच्चों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया
- उनके परिजनों को सूचित कर उन्हें यहां बुला लिया।
- इधर, बच्ची को जयपुर के जेके लोन चिकित्सालय में रैफर कर दिया है।
- चिकित्सकों का कहना है कि बच्ची के चेहरे और गले के हिस्सा जला है, जिसका इलाज किया जा सकता है।
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