1984 दंगे: दो दोषियों की सजा पर फैसला 20 नवम्बर को

1984 riots

नई दिल्ली (एजेंसी)। राजधानी की पटियाला हाउस अदालत ने 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के सिख विरोधी दंगों (1984 riots) से जुड़े हत्या के एक मामले में दोषी करार दिए गए दो व्यक्तियों की सजा पर वीरवार को फैसला 20 नवम्बर तक के लिए सुरक्षित रख लिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय पांडेय ने दक्षिण दिल्ली के महिपालपुर इलाके में रहने वाले हरदेव सिंह और अवतार सिंह की हत्या के मामले में नरेश सहरावत और यशपाल सिंह को कल दोषी करार दिया था और सजा की अवधि को लेकर सुनवाई के लिए आज की तारीख मुकर्रर की थी।

सजा की अवधि के बारे में सुनवाई को लेकर के बाद आज जब दोषियों को अदालत परिसर से बाहर ले जाया जा रहा था तभी वहां मौजूद सिख समुदाय के लोगों ने दोषियों पर हमला कर दिया। जिस वक्त हमला हुआ उस वक्त परिसर में पुलिसकर्मी मौजूद थे। सूत्रों ने बताया कि अकाली दल के विधायक मनजिन्दर सिंह सिरसा ने दोषियों में से एक को थप्पड़ जड़ दिया, जिसके बाद हाथापाई की नौबत आ गई।

क्या था मामला | 1984 riots

गौरतलब है कि मृतक हरदेव सिंह के भाई संतोष सिंह की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया था। दिल्ली पुलिस ने साक्ष्य के अभाव में इस मामले को 1994 में बंद कर दिया था, लेकिन दंगों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने इस मामले की फिर से जांच की और अंजाम तक पहुंचाया। अदालत ने दोनों को भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या (302) हत्या का प्रयास (307) डकैती (395) के अलावा 324, 452 और 436 समेत अन्य धाराओं में दोषी माना है। अदालत की ओर से दोषी ठहराये जाने के बाद दोनों को कल पुलिस हिरासत में ले लिया गया। इन धाराओं को देखते हुए दोषियों को मृत्यु दंड अथवा आजीवन कारावास की सजा मिल सकती है।

Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो।