1984 Pul Bangash Sikh Killings Case: नई दिल्ली (एजेंसी)। आज यानि शुक्रवार को कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर ने 1984 के पुल बंगश सिख हत्याकांड मामले में अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से इनकार कर दिया और साथ ही उन्होंने मुकदमे का दावा पर कर दिया। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने टाइटलर के मामले को 3 अक्टूबर को सुनवाई और साक्ष्य दर्ज करने के लिए सूचीबद्ध किया है। Jagdish Tytler
मामला 1 नवंबर, 1984 को गुरुद्वारा पुल बंगश के पास तीन सिखों की हत्या से संबंधित है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने 30 अगस्त को टाइटलर के खिलाफ आरोप तय किए थे। रिपोर्ट के अनुसार टाइटलर पर 1984 के सिख विरोधी दंगों में हत्या और हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया था, जिसमें सिख धर्म के 6,000 से अधिक अनुयायियों की हत्या हुई थी। मई 2023 में दायर अपने आरोपपत्र में, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री टाइटलर पर 1 नवंबर को पुल बंगश गुरुद्वारे के पास एकत्रित हुई भीड़ को ‘उकसाने और भड़काने का आरोप लगाया था।
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राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा अगस्त 2023 में उन्हें अग्रिम जमानत दे दी गई। दिल्ली में राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा जमानत बांड स्वीकार किए जाने पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) ने कोर्ट परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
क्या है 1984 के सिख विरोधी दंगे | Jagdish Tytler
1984 के सिख विरोधी दंगे तत्कालीन प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों-सतवंत सिंह और बेअंत सिंह द्वारा हत्या के परिणामस्वरूप शुरू हुए थे। इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर, 1984 को सुबह 9:30 बजे नई दिल्ली के सफदरजंग रोड स्थित उनके आवास पर हत्या कर दी गई थी। आॅपरेशन ब्लू स्टार के बाद उनके अंगरक्षकों सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने उनकी हत्या कर दी थी।
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