न्यूजीलैंड में कोरोना डेल्टा वेरिएंट के 178 नए केस मिले

Delta Plus Variant

वेलिंगटन (एजेंसी)। न्यूजीलैंड में गुरूवार को कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के डेल्टा वेरियंट के 178 नए मामलों की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार डेल्टा वेरियंट के नये मामलों में, सबसे बड़े शहर आॅकलैंड में 149, वाइकाटो में 16, नॉर्थलैंड में दो, बे आॅफ प्लेंटी में नौ और लेक्स और मिडसेंट्रल डिस्ट्रिक्ट हेल्थ बोर्ड में एक मामला सामने आया है। इस दौरान मंत्रालय ने आॅकलैंड सिटी अस्पताल में एक कोरोना मरीज की मौत की सूचना दी है।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि 77 लोगों का अस्पतालों में का इलाज चल रहा है। इनमें से 8 गहन देखभाल इकाइयों और उससे अधिक क्षमता वाली इकाईयां इसमें शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इस समय देश में कोविड संक्रमितों की संख्या 10,421 है। उन्होंने कहा कि अभी तक देश में 92 प्रतिशत लोगों कोविड टीके की पहली डोज दी जा चुकी है और 84 प्रतिशत लोगों का पूरी तरह टीकाकरण हो चुका है।

क्या हैं डेल्टा प्लस

डेल्टा वैरिएंट ही वह वजह है जिसके चलते भारत में कोरोना की दूसरी खतरनाक लहर आई थी। कोविड-19 का ये वेरिएंट पहली बार भारत में ही मिला था। इसी से भारत में कोरोना के दौरान सबसे ज्यादा मौतें हुईं हैं। वैज्ञानिकों की मानें तो डेल्टा वेरिएंट का संक्रमण काफी तेजी से फैलता है। साथ ही ऐसे में मरीजों में कोरोना के गंभीर लक्षण दिखते हैं। इस वक्त ब्रिटेन और इजराइल में इसी वेरिएंट के चलते कोरोना के नए केस में तेजी से इजाफा हो रहा है। आंकड़ों के मुताबिक इजराइल में कोरोना के 90 फीसदी केस इसी वेरिएंट के हैं। ये स्थिति तब है जब वहां 50 फीसदी लोगों ने वैक्सीन लगवा ली है। कोरोना का ये एक अन्य वेरिएंट डेल्टा में ही म्यूटेशन के बाद देखने को मिला है।

डेल्टा प्लस वैरिएंट के प्रमुख सिम्पटंस

Coronavirus

  • खांसी, बुखार, जुकाम
  • त्वचा पर चकत्ते पड़ना
  • गले में खराश
  • टेस्ट और स्मेल ना आना
  • दस्त लगना
  • पैर की अंगुलियों का रंग बदलना
  • सीने में दर्द, सिरदर्द
  • सांस लेने में परेशानी

तो इसलिए खतरनाक है डेल्टा प्लस वैरिएंट?

हेल्थ मिनिस्ट्री और डब्ल्यूएचओ ने डेल्टा प्लस को वैरिएंट आॅफ कंसर्न भी घोषित किया है। किसी भी म्यूटेशन को वैरिएंट आॅफ कंसर्न तब कहा जाता है जब उसमें ये बातें सामने आएं।

  • वायरस की संक्रमण क्षमता ज्यादा हो और वो एक व्यक्ति से दूसरे में आसानी से फैल जाए।
  • अगर म्यूटेशन वायरस की एंटीबॉडी की क्षमता को कम कर दे।
  • यह म्यूटेशन उपचार और वैक्सीन के असर को कम करने में भी सक्षम हो।
  • जांच के बाद भी आसानी से पहचान में नहीं आएं।

ऐसे करें कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट से बचाव

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  • घर से बाहर निकलते समय डबल मास्क पहनें। अतिआवश्यक काम होने पर घर से बाहर जाएं।
  • हाथों को बार-बार अच्छी तरह साबुन से धोएं और किसी भी चीज को छूने से पहले जरूर सेनेटाइज करें।
  • सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और कम से कम छह फीट की दूरी बना कर रखें।
  • घर की चीजों और आसपास की जगहों को साफ-सुधरा रखें और डिसइंफेक्ट करते रहें।
  • बाहर से आने वाले सभी सामान को पहले डिसइंफेक्ट करें और फिर घर में लाएं।

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