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आखिरी ओवर में महेंद्र सिंह धोनी ने जोगिंद्र शर्मा को ओवर देकर खेला था दांव
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जोगिंद्र को माही ने कहा था, दबाव मत लो…हारे तो यह मेरे ऊपर आएगा
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24 सितम्बर 2007 को दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में हुआ था मैच
गुरुग्राम। (संजय कुमार मेहरा) ठीक 15 साल पहले 24 सितम्बर 2007 में दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में हुए टी20 विश्व कप के फाइनल मैच में भारत की जीत का श्रेय जाता है हरियाणा के रोहतक निवासी भारतीय क्रिकेट टीम के (Cricketer Joginder Sharma) गेंदबाज जोगिंद्र शर्मा को। उन्होंने आखिरी ओवर में पाकिस्तान के बैट्समैन मिस्बाह-उल-हक को आउट करके यह विश्व कप मैच जिताया था।
इस मैच को लेकर 15 साल बाद जोगिंद्र शर्मा ने टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी द्वारा कही गई एक बात का खुलासा किया। वह एक मंझे हुए खिलाड़ी की तरफ से अपने साथी को हौंसला देने वाली बात है और उसमें इमोशन भी भरा है। पान की दुकान चलाने वाले ओमप्रकाश शर्मा इस समय अदानी स्पोर्ट्स लाइन गुजरात जायंट्स के खिलाड़ी जोगिंदर शर्मा साल 2007 में भारतीय टीम के खिलाड़ी थे। उस टीम20 विश्व कप में जो नजारा दुनिया ने देखा, क्रिकेट के हर प्रशंसक के दिलो-दिमाग में वह दृश्य आज भी घूमता है। जोगिंद्र शर्मा तो उस दिन को कभी नहीं भूल सकते। वह दिन उनकी जिंदगी का भी अहम दिन है। विश्व कप में भारत की जीत के बाद जोगिंद्र शर्मा का क्रिकेट की दुनिया में कद और भी ऊंचा हो गया। रोहतक के रेलवे स्टेशन के सामने वैश्य कालेज के उस समय सामान्य से मैदान से जोगिंद्र शर्मा ने क्रिकेट मैच खेलने की शुरूआत की थी। उन्होंने क्रिकेट में गेंदबाजी में महारत हासिल की। हमने उन्हें क्रिकेट की शुरूआत करते देखा है। एक कच्चे, पथरीले मैदान में वे क्रिकेट का अभ्यास करते थे।
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जोगिंद्र सिंह को रणबीर सिंह महेंद्रा ने परखा था…
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के उस समय अध्यक्ष रहे रणबीर सिंह महेंद्रा (हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के पुत्र) ने जोगिंद्र शर्मा की क्रिकेट की बारीकियों को परखा। चौधरी बंसीलाल क्रिकेट स्टेडियम लाहली (रोहतक) में हुए रणजी मैच में जोगिंद्र शर्मा ने उस समय भारतीय टीम के खिलाड़ी रहे वीरेंद्र सहवाग के साथ मैच खेला। जोगिंद्र शर्मा की उम्दा गेंदबाजी से रणबीर सिंह महेंद्रा भी गदगद हुए थे। इसके बाद जोगिंद्र शर्मा का चयन टी20 विश्व कप के लिए किया गया।
पाकिस्तान को 6 गेंद पर बनाने थे 13 रन मीडियम पेसर गेंदबाज जोगिंद्र शर्मा ने 2007 टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में पाकिस्तान के खिलाफ भारत को पांच रन से जीत दिलाई थी।
भारत को 158 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान को आखिरी छह गेंदों पर जीत के लिए 13 रन चाहिए थे। पाकिस्तानी बैट्समैन मिस्बाह-उल-हक मैच और खिताब को भारत से दूर ले जाना चाह रहे थे। ऐसी परिस्थितियों में महेंद्र ङ्क्षसह धोनी ने उस रात के मैच में एक जुआ खेला। तब माही ने जोगिंद्र शर्मा ने कहा था-तुम किसी भी तरह का दबाव मत लो। अगर हम हारते हैं, तो यह उनके ऊपर आएगा। धोनी की इस बात से जोगिंद्र शर्मा इसलिए निश्चिंत नहीं हुए कि हार का कारण धोनी बनेंगे। बल्कि उन्होंने मैच को जिताने के लिए बड़ी ही शिद्दत से गेंदबाजी की।
जोगिंद्र ने तीसरी गेंद में बदली रणनीति
जोगिंद्र शर्मा के ओवर की दूसरी गेंद पर मिस्बाह ने छक्का मारा था। तीसरी गेंद डालने से ठीक पहले जोगिंद्र ने देखा कि मिस्बाह स्कूप खेलने के लिए तैयार हो रहे हैं। इसलिए उसने लेंथ में बदलाव करते हुए धीमी गेंदबाजी की। मिस्बाह इसे ठीक से नहीं खेल पाए। उस गेंद का श्रीसंत ने कैच लपका और फिर इतिहास बन गया। जोगिंद्र ने कहा कि 2007 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल की यादें आज भी उनके दिमाग में जाता हैं और सदा रहेंगी। वह विश्व कप जीतने के साथ भारत की जीत और जोगिंद्र शर्मा का वह ओवर इतिहास में दर्ज हो गया। इसके बाद जोगिंद्र शर्मा पर धनवर्षा हुई और उनका जीवन बदल गया। उनके पिता रोहतक जनता कालोनी में पान की दुकान चलाते हैं। जोगिंद्र शर्मा हरियाणा पुलिस में वह डीएसपी हैं।
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