कमजोरी की वजह से पढ़ भी नहीं पा रही थी, नारायणा हृदयालय में हुआ निशुल्क इलाज
हनुमानगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। गांव मक्कासर के रहने वाले चरणजीत की 15 वर्षीय पुत्री रमनदीप (Ramandeep) पिछले 6 साल से दिल की बीमारी से पीड़ित थी। रमनदीप के पिता मजदूरी करते हैं तथा जरूरतमंद परिवार गरीबी के चलते बच्ची का इलाज नहीं करवा पा रहे थे। ऐसे में जिला कलक्टर नथमल डिडेल ने सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा को निर्देशित किया कि बच्ची का ऑपरेशन करवाया जाए। चिकित्सा विभाग के प्रयास से जयपुर के नारायणा हृदयालय में 14 अप्रेल को रमनदीप का सफल ऑपरेशन किया गया।
रमनदीप (Ramandeep) को हॉस्पीटल से छुट्टी मिल गई है और परिजन उसे 22 अप्रेल को मक्कासर लेकर आए। सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि मक्कासर के एक जरूरतमंद परिवार की बच्ची रमनदीप कौर दिल में छेद होने की वजह से बीमारी से चलते 6 साल से बिस्तर पर थी। बच्ची के परिजन उसकी बीमारी को लेकर चिंतित थे, पर गरीबी के चलते बच्ची का इलाज भी नहीं करवा पा रहे थे।
परिजन कई वर्ष पहले रमनदीप को जयपुर स्थित सवाई मानसिंह हॉस्पीटल एसएमएस में भी लेकर गए, लेकिन जानकारी के अभाव एवं इलाज करवाने वालों की लम्बी लिस्ट होने के चलते वापस गांव आ गए। वे गत 6 वर्षों से बीमार बच्ची की सेवा कर रहे थे, लेकिन बच्ची की तबीयत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही थी। दिल में छेद होने की वजह से रमनदीप काफी कमजोर हो गई थी और अपना कोई भी काम नहीं कर पा रही थी। दैनिक कार्यों के लिए उसकी मां रमनदीप को उठाकर लेकर जाती थी।
कमजोरी के चलते रमनदीप स्कूल भी नहीं जा पा रही थी। घर से बाहर जाने की कोशिश करने पर ही उसकी सांस फूलने लग जाती थी। उसकी इस बिगड़ती हालत के चलते परिजनों की चिंताएं काफी बढ़ रही थी। स्थानीय स्तर पर डॉक्टरों ने बताया कि रमनदीप के इलाज पर करीब चार लाख रुपए लगेंगे।
सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य योजना के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों, सरकारी स्कूलों एवं मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का इलाज राज्य सरकार की ओर से करवाया जाता है। 15 वर्षीय रमनदीप कमजोरी के कारण स्कूल भी नहीं जा रही थी। यदि उसका नामांकन सरकारी स्कूल में होता, तो आरबीएसके के तहत इलाज हो जाता।
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