3204 करोड़ होंगे राजस्व मद यानी कार्मिकों के वेतन, पेंशन, भत्तों पर खर्च
देहरादून (ब्यूरो) । उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सरकार ने 11,321 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया। इस बजट में पूंजीगत मद यानी विकास कार्यों खासकर केंद्र पोषित योजनाओं में राज्य सरकार के अंशदान के रूप में भारी भरकम धनराशि की व्यवस्था की गयी है। जबकि तीस प्रतिशत के करीब धन राजस्व मद में प्रावधानित किये गये हैं। बुधवार को अपराह्ण चार बजे के करीब वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में पहला अनुपूरक बजट पेश किया।
बजट में पूंजीगत मद की बात करें तो केंद्र पोषित योजनाओं के लिए 1768 करोड़, नाबार्ड से संबंधित योजनाओं के लिए 286 करोड़, बाह्य सहायतित योजनाओं के लिए 321 करोड़, संभावित योजनाओं के लिए अग्रिम व्यवस्था के तौर पर 4500 करोड़ और राज्य पोषित योजनाओं के लिए 916 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। इसी तरह राजस्व मद में केंद्रीय प्रतिबद्धता के तौर पर 1223 करोड़, बाह्य सहायतित योजनाओं के लिए 10 करोड़ और अन्य राज्य पोषित योजनाओं के लिए 2287 करोड़ की व्यवस्था की गयी है।
कुल मिलाकर विकास कार्यों के मद में 7791 और वेतन, भत्तों एवं पेंशन पर खर्च के मद में 3530 करोड़ की व्यवस्था की गयी है। बजट पेश करने के बाद मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि अनुपूरक बजट के लिए आवश्यक वित्त की व्यवस्था के लिए गंभीर प्रयास किये गये हैं। राजस्व वृद्धि के क्षेत्र में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसी का परिणाम है कि अब तक बजट अनुमान का 34 प्रतिशत राजस्व प्राप्त कर चुके हैं। कहा कि जहां वर्ष 2021-22 में सरकार को लगभग 14176 करोड का कर राजस्व प्राप्त हुआ था वहीं 22-23 में यह बढ़कर 17103 करोड़ हो गया है। इस वर्ष गत वर्ष के सापेक्ष हम 47 प्रतिशत कर राजस्व प्राप्त कर चुके हैं लेकिन हमने राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य बढ़ा दिये हैं ताकि जन कल्याण एवं अवस्थापना विकास हेतु समुचित प्रावधान कर सकें।
मुख्य केन्द्र पोषित योजनाओं के तहत प्रावधान
जल जीवन मिशन – 795 करोड़, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन – 297 करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण- 190 करोड़, समग्र शिक्षा अभियान- 128 करोड, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान – 120 करोड़, मेडिकल कॉलेज- 54 करोड, स्वच्छ भारत मिशन लगभग – 36 करोड़।
मुख्य पूंजीगत योजनाओं के लिए बजट
आवास एवं शहरी विकास के अन्तर्गत अवस्थापना का सुदृढीकरण को 321 करोड़, ऋषिकेश को योग नगरी के रूप में विकसित करने को 30 करोड़, हरिद्वार को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने को 25 करोड़, पार्किंग के निर्माण को 135 करोड़, मुख्यमंत्री आंगनवाड़ी भवन निर्माण को 50 करोड़, हरिद्वार मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण एवं स्थापना को 100 करोड़, लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत आरआई.डी.एफ. योजना को 100 करोड़, नगरीय अवस्थापना सुविधाओं के विकास को लगभग 25 करोड़, अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं के विकास को 35 करोड़, अनुसूचित जन जाति बाहुल्य क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं के विकास को 17 करोड़।
राजस्व योजनाओं में बजट प्रावधान
- सडकों के अनुरक्षण -300 करोड़।
- अटल आयुष्मान योजना- 200 करोड।
- नन्दा गौरा योजना- 95 करोड़।
- औषधि तथा रसायन -90 करोड।
- निशुल्क पाठ्य पुस्तक योजना – 68 करोड़।
- रूफ टॉप सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्र- 66 करोड़।
- सामाजिक सुरक्षा (पेंशन) – 40 करोड।
- मशीन उपकरण सज्जा एवं संयंत्र – 33 करोड़।
- कंप्यूटर हार्डवेयर सॉफ्टवेयर एवं अनुरक्षण- 23 करोड।
- व्यावसायिक तथा विशेष सेवाओं का भुगतान- 17 करोड़।
- कार्यालय प्रायोगार्थ वाहन क्रय में- 13 करोड।
- ईजा बोई शगुन योजना- 10 करोड़।
- साइलेज पशुपोषण योजना- 7 करोड़।