पूज्य गुरू जी का 10वां रूहानी पत्र:- साध-संगत किसी के बहकावे में न आए

10th Letter of Saint Dr. MSG

आदरणीय,
माता जी, प्यारे बच्चो व ट्रस्ट प्रबंधक सेवादारो
धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा।
माता जी व हमारे करोड़ों प्यारे बच्चो, आप सबको 74वें ‘रूहानी स्थापना दिवस’’ के ‘भण्डारे’ की बहुत-2 बधाइयां व बहुत आशीर्वाद। साई शाह मसताना जी ने ‘सच्चे सौदे’ का जो बीज बोया था परम पिता शाह सतनाम जी ने उसे सींचा व खाक ‘मीत’ को M.S.G बना, उस बीज से पौधा व आज वट वृक्ष’ बनवा दिया है। ऐसे सतगुरु दाता को अरबों नमन व प्रार्थना है कि वो खुद M.S.G के रूप में, ‘मीत’ में रहकर इस ‘वृक्ष’ को सदा हरा भरा रखें जी।
हमारे प्यारे बच्चो हम आपको फिर से बताना चाहते हैं कि परम पिता जी ने हमें आपका गुरू बनाया था, गुरू हैं व हम ही गुरू रहेंगे। किसी के भी बहकावे में आप मत आया करो। वचन सिर्फ और सिर्फ ‘गुरू के ही’ होते हैं बाकी सबकी तो सिर्फ बातें होती हंै। गुरू वचन गुरू को सतगुरू जी हुक्म देकर करवाते हंै न कि गुरू किसी भी बन्दे के कहने पे करते हैं। अलग-2 राज्यों में जो आप लोगों ने भण्डारा ‘नामचर्चा’ मनाई है सतगुरु जी आप सबको बहुत-2 खुशियां व ‘बरकतें’ बख्शें। जो सेवादार लगातार अलग-अलग आश्रमों (सच्चा सौदा) में जा-जा कर सेवा करते हैं हर बार उनकी अलग-2 जायज माँग सतगुरु जी जरूर पूरी करेगे। सतगुरू जी से यह भी प्रार्थना करते हैं कि आप सबकी, सबसे बड़ी मांग भी जल्द से जल्द पूरी करें जी।
हमने हमेशा आप सबको ‘एक बात’ बहुत बार समझाई है कि अपने गुरू के ही वचन सुनो व मानो ताकि आप जीते-जीअ गम, दुख, चिन्ता व रोगों से मोक्ष प्राप्त करें व मरणोउपरांत आवागमन से भी मोक्ष मिले। अच्छे लोगों का संग व निस्वार्थ भावना से प्यार प्रेम करें। जो किसी की भी निंदा करता है, ना तो उसकी बात सुनो ना ही उसकी बातों में हाँ में हाँ मिलाओ। ‘‘हमारे करोड़ों बच्चे सुनो प्यारे-2, दिल के टुकड़े अखियों के तारे। गुरू की सुनोगे तो ‘गन्द’ की नहीं तुम, ‘शहद वाली बनोगे ‘मक्खियाँ’ सारे।’’ इस पावन भण्डारे के दिन हम अपने ‘वचनों’ से आप सबके सिर पर अपना (आशीर्वाद के रूप में) हाथ रख रहे हैं जी। नारा लगाएं।
मानवता भलाई का नया कार्य: ‘अनाथ बेसहारा बुजुर्गों की संभाल करेंगे,’ नारा लगाएं।
इसका नाम ‘अनाथ मातृ-पितृ सेवा’। आपके M.S.G गुरू का आप को आशीर्वाद, जो आपकी झोलीयां भर देगा।

मानवता भलाई का नया कार्य: ‘अनाथ बेसहारा बुजुर्गों की संभाल करेंगे,’ नारा लगाए।
इसका नाम ‘अनाथ मातृ-पितृ सेवा’। आपके M.S.G गुरू का आप को आशीर्वाद, जो आपकी झोलीयां भर देगा।
दासन दास
गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां
28.4.2022
M.S.G

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।