Maha Rehmokaram Month: एक बार पूजनीय बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज की पवित्र हजूरी में कविराज भजन गा रहे थे। पूजनीय बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज ने अपने नूरे-नज़र से साध-संगत के दिलों में ऐसी प्रेम भरी रूहानी किरणें छोड़कर निहाल किया कि सभी मस्ती में नाचने लगे। उस समय पूजनीय बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज ने अपने भावी उत्तराधिकारी (पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज) की ओर अपनी पवित्र
दृष्टि डालते हुए अपने पवित्र मुख से वचन फरमाए, ‘‘ये (पूजनीय परमपिता जी) स्टेज पर बैठकर अंदर से ऐसी मस्ती भरेंगे कि इनके आगे 100-100 वर्ष के बुजुर्ग भी नाचा करेंगे। इस संबंध में एक बार पूजनीय बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महराज ने वचन फरमाए कि तुम्हारे सामने तो झोटे भी (खुशहाल और तगड़े शरीरों वाले) नाचा करेंगे।’’ पूजनीय बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज के उपरोक्त वचन सौ फीसदी सच सिद्ध हुए व हो रहे हैं। आज भंडारों के शुभ अवसर पर लाखों श्रद्धालु नाचते हैं और मस्ती का अद्भुत नज़ारा बन जाता है। Maha Rehmokaram Month
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