2008 में ‘द टाइम्स’ ने 50 महान ब्रिटिश लेखकों की सूची में नायपॉल
को दिया था 7वां स्थान,
लंदन।
भारतीय मूल के लेखक विद्याधर सूरजप्रसाद नायपॉल का 85 साल की उम्र में यहां निधन हो गया। उन्हें 1971 में बुकर प्राइज और 2001 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। नायपॉल का जन्म 1932 में त्रिनिदाद में हुआ था। ‘ए बेंड इन द रिवर’ और ‘अ हाउस फॉर मिस्टर बिस्वास’ उनकी चर्चित कृतियां हैं।नायपॉल की पहली किताब ‘द मिस्टिक मैसर’ 1951 में प्रकाशित हुई थी।
2008 में ‘द टाइम्स’ ने 50 महान ब्रिटिश लेखकों की सूची में नायपॉल को 7वां स्थान दिया था। उनकी कुछ और मशहूर कृतियों में ‘इन ए फ्री स्टेट’ (1971), ‘ए वे इन द वर्ल्’ड (1994), ‘हाफ ए लाइफ’ (2001) और ‘मैजिक सीड्स’ (2004) हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक 1950 में उन्होंने एक सरकारी स्कॉलरशिप जीती थी। इससे उन्हें कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी में दाखिला मिल सकता था, लेकिन उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी को चुना। बताया जाता है कि छात्र जीवन में उन्होंने अवसाद की वजह से खुदकुशी करने की कोशिश की थी।
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