एलएसी पर कोई बदलाव मंजूर नहीं : जनरल रावत

LAC

भारत और चीन के सैन्य कमांडरों की 8वें दौर की हुई बैठक

नई दिल्ली। भारत और चीन के सैन्य कमांडरों की आठवें दौर की बातचीत के बीच चीफ आॅफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने दो टूक शब्दों में रूख स्पष्ट करते हुए कहा है कि भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा में किसी तरह के बदलाव को स्वीकार नहीं करेगा। जनरल रावत ने शुक्रवार को राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज की हीरक जयंती के मौके पर ‘भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा- आने वाला दशक’ विषय पर दो दिवसीय वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति तनावपूर्ण है और वहां भारतीय सैनिकों के करारे जवाब के कारण चीन की सेना को अपने दुस्साहस के जवाब में अनपेक्षित परिणामों का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि चीन की ओर से अतिक्रमण तथा हमलावर गतिविधियों के चलते वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति तनावपूर्ण है। जनरल ने कहा, ‘भारत का स्पष्ट रूप से मानना है कि यथा स्थिति बहाल की जानी चाहिए और हम वास्तविक नियंत्रण रेखा को बदलने की किसी भी हरकत को मंजूर नहीं करेंगे। सीडीएस ने चीन के साथ टकराव के युद्ध का रूप लेने की संभावना कम बतायी लेकिन यह जरूर कहा कि सीमा पर टकराव , अतिक्रमण और बेवजह सैन्य गतिविधियों से बड़े टकराव की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। जनरल रावत के इन बयानों को दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच हो रही आठवें दौर की वार्ता के परिप्रेक्ष्य में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

विवाद सुलझाने के लिए भारत-चीन के बीच 8वें दौर की बातचीत जारी

सीमा विवाद सुलझाने के लिए पूर्वी लद्दाख के चुशूल इलाके में भारत-चीन के कॉर्प्स कमांडर के बीच शुक्रवार को 8वें राउंड की बातचीत हुई है। इससे पहले हुई मीटिंग्स में तनाव कम करने और एलएसी की स्थिति में बदलाव नहीं करने पर सहमति बनी थी, लेकिन चीन बार-बार शर्तें तोड़ देता है। लद्दाख में भारत-चीन के बीच अप्रैल के बाद से लगातार विवाद बना हुआ है। 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए।

चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे। इस घटना के बाद तनाव और बढ़ गया। विवाद सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच आर्मी और डिप्लोमेटिक लेवल की कई मीटिंग्स हुईं, लेकिन चीन बार-बार अपनी बात से पीछे हट जाता है। पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में प्रॉक्सी वॉर छेड़ रखा है, इस वजह से दोनों देशों के रिश्ते बेहद बिगड़े हुए हैं। आतंकवाद से निपटने के लिए नए भारतीय खाके ने पाकिस्तान के एजेंडे को फेल कर दिया है।

 

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