पाकिस्तान को झटका वर्ल्‍ड बैंक ने ठुकराया पाक का आपत्ति प्रस्ताव

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नई दिल्ली, एजेंसी।

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 मई, 2017 को किशनगंगा हाइड्रो प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया था। यह वही प्रोजेक्‍ट है, जिसपर पाकिस्‍तान आरंभ होने से पहले ही आपत्‍त‍ि जता रहा था। 10 साल में पूरा हुआ यह प्रोजेक्ट भारत और पाकिस्तान के बीच काफी वक्त से मतभेद का कारण बना हुआ है। पर‍ियोजना के उद्घाटन के बाद पाकिस्‍तान ने वर्ल्‍ड बैंक से इसके बारे में श‍िकायत की थी। वर्ल्‍ड बैंक से इस मसले पर पाकिस्‍तान को झटका लगा है।
1960 के सिंधु जल समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए पाकिस्‍तान ने इस प्रोजेक्‍ट पर विश्व बैंक से निगरानी रखने को कहा है और साथ ही अपील की है कि वर्ल्‍ड बैंक इस प्रोजेक्‍ट में गारंटर की भूमिका निभाए। हालांकि इस पर वर्ल्‍ड बैंक, पाकिस्‍तान और भारत के अध‍िकारियों के बीच कोई सहमति नहीं बन सकी।
इस परियोजना की शुरुआत साल 2007 में हुई थी। इसके 3 साल बाद ही पाकिस्तान ने यह मामला हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में उठाया, जहां तीन साल के लिए इस परियोजना पर रोक लगा दी गईं साल 2013 में, कोर्ट ने फैसला दिया कि किशनगंगा प्रॉजेक्ट सिंधु जल समझौते के अनुरूप है और भारत ऊर्जा उत्पादन के लिए इसके पानी को डाइवर्ट कर सकता हैं।
बता दें कि किशनगंगा प्रोजेक्‍ट के उद्घाटन के बाद पाकिस्‍तान एकबार फिर विश्व बैंक के पास पहुंच गया है। आपको बता दें कि पहले इसकी लंबाई 98 मीटर रखी गयी थी लेकिन पाकि‍स्‍तान की आपत्ति के बाद इसे 37 मीटर कर दिया गया।

 

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