अब कसरत करने पर मिलेगी बिजली

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उपलब्धि: नेजिया के दो ग्रामीणों ने किया अद्भूत साईकिल बनाने का दावा

  • दो घंटे की मेहनत से मिलेगी 6 घंटे बिजली

सरसा (सुनील वर्मा)। प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। गाँवों में भी प्रतिभा के धनी लोगों की कमी नहीं है। ये लोग संसाधनों की कमी को अपने राह की बाधा नहीं बनने देते बल्कि कौशल के बल पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हैं। सरसा जिले के गाँव नेजियाखेड़ा के दो ग्रामीणों रामेश्वरदास व राजकुमार ने। दोनों ने ऐसी साईकिल बनाने का दावा किया है, जो स्वास्थ्य के साथ-साथ बिजली के खर्च से भी निजात दिलाएगी।

साढ़े तीन साल में मिली सफलता

गाँव नेजियाखेड़ा निवासी रामेश्वरदास व राजकुमार ने साइकिल के माध्यम से बिजली उत्पादन करने की सोची। साढ़े तीन साल बाद वे ऐसी साइकिल तैयार करने में कामयाब हुए, जिसे प्रतिदिन 2 घंटे चलाने पर 6 से 8 घंटे की बिजली का जुगाड़ हो जाता है।

गाँव में ही वैल्डिंग का कार्य करने वाले राजकुमार तथा कज्यूमर कोर्ट में चौकीदार के रूप में कार्यरत रामेश्वरदास के दिमाग में विचार आया कि ऐसा कोई साधन खोजना चाहिए, जिससे बिजली से वंचित लोग भी अंधेरे में न रहें तथा जिन ढाणियों में बिजली नहीं है, वहां पर इंवर्टर व बैट्री को चार्ज करना भी संभव हो सके।

ऐसे में प्रयोग करते-करते रामेश्वर व राजकुमार ने ऐसी साइकिल तैयार की, जिसके पैड़ल मारने से बैट्री चार्ज हो जाती है। एक बार बैट्री चार्ज होने पर 200 वॉट तक का लोड 6 से 8 घंटे तक उठाया जा सकता है।

इंवर्टर-बैट्री को बिजली की जरूरत नहीं पड़ती। अब साइकिल से बिजली पैदा करने वाले रामेश्वर व राजकुमार इस आविष्कार को लेकर सरकार से मदद की बाट जो रहे हैं, ताकि यह सुविधा उन परिवारों तक पहुंच सके, जो बिजली का कनेक्शन लेने में असमर्थ हैं या बिजली का बिल अदा नहीं कर सकते।

अथवा बिजली से वंचित ढाणियों में रहते हैं। उनका इरादा है कि सरकार मदद करें तो उनकी यह खोज मात्र 5-6 हजार रुपये में उपलब्ध हो सकती है। हालांकि इसे तैयार करने में उनका 15 से 20 हजार रुपया खर्च हो चुका है।

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