गांव वजीदपुर में 4 करोड़ रूपये की लागत से बनेगा 25 एकड़ क्षेत्रफल में अमरूद रिसर्च केन्द्र

Village Wazirpur,  guava research center, Punjab

तकनीकी प्रशिक्षण के साथ-साथ अच्छी किस्म के पौधे वाजिब मूल्य पर किसानों को होंगे मुहैया

  • पटियाला जिले में 960 एकड़ क्षेत्रफल अमरूदों की काश्त के नीचे

पटियाला(खुशवीर सिंह तूर)। पंजाब के किसानों को गेहूं व धान के रिवायती फसली चक्कर में से निकाल कर उनकी आमदन में चोखा विस्तार करने के लिए पंजाब सरकार द्वारा पटियाला जिले के गांव वजीदपुर में करीब 4 करोड़ रुपये की लागत से 25 एकड़ क्षेत्रफल में अमरूदों का रिसर्च केंद्र स्थापित किया जा रहा है।

सरकार द्वारा गावा अस्टेट के लिए सवा करोड़ की पहली किश्त जारी

गावा अस्टेट के नाम के साथ जाने जाते इस प्रॉजैक्ट के लिए सरकार द्वारा सवा करोड़ रुपए जारी भी कर दिए गए हैं। सरकार द्वारा स्थापित किए जा रहे इस अमरूद रिसर्च केंद्र में अच्छी किस्म के अमरूदों जिनमें इलाहाबादी सफेदा, एल-49, लखनऊ -49, सवेता, पंजाब सफेदा, पंजाब किरण, पंजाब आरका अमूल्या व पंजाब पीनक जैसी किस्मों पर रिसर्च कर इनके मदर प्लांटों से और पौधे तैयार किए जाएंगे।

जहां बाग लाने के इच्छुक किसानों को मिट्टी की किस्म अनुसार उचित वैरायिटी के पौधे उनको इस नर्सरी में तैयार कर वाजिब रेटों पर सप्लाई किए जाएंगे। इस रिसर्च केंद्र द्वारा जहां किसानों को अमरूदों की अच्छी किस्म के तंदरुस्त पौधे बहुत ही वाजिब मूल्य पर मुहैया करवाए जाएंगे वहीं उनको बाग लगाने संबंधी तकनीकी प्रशिक्षण भी मुहैया करवाया जाएगा

किसानों के लिए वरदान साबित होेगा अमरूद रिसर्च केंद्र

बागबानी विभाग के डिप्टी डायरैक्टर डाू. स्वर्न सिंह मान ने बताया कि राष्ट्रीय बागबानी मिशन अधीन पंजाब सरकार द्वारा सरकारी बाग व फ्रÞूट नर्सरी वजीदपुर में बनाई जा रही अमरूदों की अस्टेट का उद्देश्य अमरूदों के प्रति एकड़ झाड़ में विस्तार करना, प्रति यूनिट क्षेत्रफल के लाभ में विस्तार करना, बढ़िया गुण का पलांटिंग मटीरियल तैयार करना, अमरूद फसल के क्षेत्रफल में विस्तार करना, दूर की मंडियों में मार्किटिंग करने के लिए सुविधाएं देना व इसके फल की प्रोसेसिंग करने संबंधी उद्योगों में विस्तार करना शामिल है।

डिप्टी डायरैक्टर ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा वजीदपुर में शुरू किए जा रहे इस प्रोजैक्ट में बागबानी के यंत्र जैसे कि मैकेनिकल स्प्रे पंप, रोटावेटर, डिग्गर, चोपर, लैजर लैवलर व कीड़ेमार दवाएं आदि वाजिब कीमतों पर किसानों को मुहैया किए जाएंगे। इस प्रॉजैक्ट का अलग टैक्निकल स्टाफ होगा जो कि अलग -अलग गांवों में जाकर इस संबंधी जानकारी देगा।

इस प्रॉजैक्ट में मिट्टी व पत्ते टैस्ट करने संबंधी लैबारेट्री व पोली कलीनिंग लैब होगी, जहां विभिन्न प्रकार के कीड़े मकौड़ों व बीमारियों के ईलाज संबंधी तकनीकी जानकारी दी जाएगी। डॉ. मान ने बताया कि अमरूदों का यह रिसर्च केंद्र पटियाला जिले के साथ-साथ पंजाब भर के किसानों के लिए वरदान साबित होगा।

रिसर्च केन्द्र को सफलतापूर्वक चलाने के लिए लगाई गई विभिन्न अधिकारियों की ड्यूटियां

पंजाब सरकार द्वारा इस रिसर्च केंद्र को सफलतापूर्वक चलाने के लिए डिप्टी डायरैक्टर बागबानी, बागबानी विकास अधिकारी, लींड बैंक, पैगरैकसो, पंजाब मंडी बोर्ड व पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी लुधियाना के सदस्यों व 10 सफल किसान प्रशासनिक समिति में शामिल किए गए हैं।

वार्षिक 22 हजार 70 मीट्रिक टन अमरूदों की होती है पैदावार

इस प्रशासनिक समिति को सरकार द्वारा जल्द ही स्वीकृति दे दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस समय पटियाला जिले में 960 हेक्टेयर क्षेत्रफल में अमरूदों की काश्त हो रही है जहां सफल किसानों द्वारा 22 हजार 70 मीट्रिक टन अमरूद की पैदावार कर पंजाब सहित देश की कई बड़ी मंडियों में अमरूद भेजा जा रहा है, जिससे किसानों की आमदन में भारी विस्तार हो रहा है।

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