दो मंजिला भवन ढ़हा, मलबे में दबे 15 मजदूर

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 3 मजदूरों की हालत गंभीर, यमुनानगर के गांव भोजपुर की घटना

सच कहूँ/लोकेश कुमार, यमुनानगर। पुराना सहारनपुर रोड पर गांव भोजपुर स्थित इंडियन प्लाईबोर्ड फैक्टरी की दो मंजिला बिल्डिंग पीलर गिरने से धराशाही हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब फैक्टरी में काम करने वाले मजदूर छुट्टी के कारण लेट उठे और उनके उठते ही दो मंजिला लेंटर जमीन पर आ गिरा। इस हादसे में 15 मजदूर मलबे के नीचे दब गए। पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंच कर रेसक्यु कर मजदूरों के मलबे के नीचे से निकाला और शहर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया।घायलों में तीन मजदूरों की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुराना सहारनपुर रोड पर गांव भोजपुर के पास इंडियन प्लाइवुड फैक्टरी के अंदर ही मजदूरों के लिए लगभग 50 क्वार्टर बनाए गए थे और इनमें 300 से ज्यादा मजदूर रहते थे।

आनन-फानन में इन मजदूरों को मलबे के नीचे से निकाला गया

क्वार्टर के आगे हॉल रूप में बरामदा बना हुआ था। जो एक पीलर के सहारे टिका हुआ था। रविवार की छुट्टी का दिन था और मजदूर सुबह नौ बजे तक उठे। सुबह उठकर अभी वे नहाने धोने की तैयारी कर ही रहे थे कि क्वार्टर्स के आगे के बरामदे का बड़ा हिस्सा पीलर टूटने से जमीन पर आ गिरा। दो मंदिला लैंटर गिरने से सात साल की बच्ची व दो महिलाओं समेत 15 मजदूर इस मलबे के नीचे दब गए। आनन-फानन में इन मजदूरों को मलबे के नीचे से निकाला गया। उन्हें इलाज के लिए निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया। हालांकि इस हादसे में कोई जानी नुकसान तो नहीं हुआ। हादसे में घायल 15 मजदूरों में से बिहार निवासी अशोक साहनी, मजनू शेख, गंगा पंडित, नारायण राम, ललन कुमार, उदित नारायण, बृजू राम, पश्चिम बंगाल निवासी सपना, संतोव, आॅफिजुल, सोखिना, सात वर्षीय चांदनी, मोहन आदि हैं, इनमें सपना, गंगा पंडित, आॅफिजुल की हालत गंभीर बताई जा रही है।

चार इंची की दीवार पर खड़ा कर डाला दो मंजिला भवन

इस घटना ने एक बड़ी पोल खोल कर रख दी है। दरअस्ल फैक्टरी में रहने वाले मजदूरों की जान इतनी सस्ते में फैक्टरी मालिक लेते हंै। यह इस घटना के बाद तब पता चला जब फैक्टरी के बने क्वार्टरों को महज चार इंच की दीवार पर ही खड़ा किया गया था और यहां से लैंटर गिरा उस हिस्से को सरियों से भी नही जोड़ा गया था एक मकान के उपर मकान और फिर उस पर भी बने कमरों में लेबर को भेड़-बकरियों की तरहा रखा जाता था और आज इस हादसे के बाद भी मजदूरों को फैक्टरी से बाहर भी आने नहीं दिया गया। बता दें कि देर रात फैक्टरी के बने क्वार्टरों के दो बडेÞ पिल्लर रात को ही गिर गए थे जिसको लेकर जब मजदूरों ने मालिक से गुहार लगाई तो मालिक ने इस बड़ी इमारत के नीचे बलियों को लगाने की स्लाह दे दी और यही वह बड़ा कारण था कि इस हादसे में 15 मजदूर मलबे के नीचे दब गए थे।

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