जहां लगाने थे पौधे, वहां उगा डाले मयखाने

Tree Plantation Area, Covered, Liquor Shops, Punjab

दारू का दरिया। जरा बरनाला की जंगलाती जमीन पर भी नजर मार लीजिए वन विभाग, यहां पेड़ों की जगह चहकते हैं शराबी

  • नशों की दलदल धंस रहे युवा

बरनाला(सच कहूँ न्यूज)। इस दृश्य को वन विभाग की लापरवाही कहें या गोरखधन्धा! पंजाब के वन विभाग के वन क्षेत्रफल में जहां वृक्ष उगाने थे वहां शराब के ठेके उग रहे हैं। जहां वृक्षों ने लहलहाना था वहां शराबी चहक रहे हैं। हैरानी की बात यह भी है कि वन विभाग के अधिकारी वन क्षेत्रफल में उग रहे अवैध ठेक पे से पूरी तरह अनजान हैं। दूसरी तरफ टैक्स व आबकारी विभाग के अधिकारी बर्तन ठेकेदारों पर तोड़ रहे हैं। वातावरण विशेषज्ञों अनुसार किसी भी राज के कुल क्षेत्रफल का 33 प्रतिशत क्षेत्रफल वन विभाग नीचे होना जरूरी है, जिस कारण वातावरण शुद्ध रह सकता है।

वन क्षेत्रफल में खुल रहे अवैध शराब के ठेके

Tree Plantation Area, Covered, Liquor Shops, Punjab

पंजाब राज्य में वन विभाग नीचे राज के कुल क्षेत्रफल का सिर्फ पांच प्रतिशत है, जिस कारण पंजाब के वन विभाग की जिम्मेदारी ओर भी संजीदा हो जाती है परंतु पंजाब का वन विभाग अपने क्षेत्रफल पर पौधे रोपित करने में कितनी संजीदगी दिखा रहा है इसका ताजा उदाहरण बरनाला के वन विभाग के क्षेत्रफल में खुले शराब के ठेकों से आसानी से लगाया जा सकता है। इस विभाग के अधिकारी बेशक अन्य लोगों को कार्यालयों में बैठ कर ‘वृक्ष लगाओ वातावरण बचाओ’ के संदेश /प्रैस नोट जारी तो करते हैं परंतु खुद वन के सरकारी क्षेत्रफल में अवैध तरीके से खुल रहे शराब के ठेकों को अनदेखा कर रहे हैं।]

सरकार के नशा विरोधी दावों पर भी उठे सवाल

बरनाला वन विभाग के वन विभाग क्षेत्रफल पर विभिन्न स्थानों पर शराब के ठेके खुले हुए हैं। बरनाला के गांव कुतबा, कालसां, चुुहाणके, करमगढ़, दानगढ़ और ठीकरीवाला में वन विभाग के वन क्षेत्रफल में पौधों की बजाय शराब के ठेके खुले हुए हैं। वातावरण प्रेमी सुरिन्दर कुमार, मोहत कुमार व आप नेता मास्टर प्रेम कुमार का कहना है कि वन की जगह पर शराब के ठेके खुले हुए हैं और संबंधित विभाग सब कुछ जानते हुए भी अनजान बनने का दिखावा कर रहा है, जिस कारण बड़े गोरखधन्धे का शक पैदा होता है। इस की सरकार को निष्पक्ष जांच करवानी चाहिए।

किसी को नहीं कब्जाने देंगे जंगलाती जमीन, शराब
ठेकेदारोंपर होगी कार्रवाई

जब इस संबंधी विभिन्न स्थानों पर खुले शराब के ठेकेदारों के कारिदों को स्वीकृति सम्बन्धित पूछा तो उन्होंने नहीं में सिर हिला दिया। टैक्स और आबकारी विभाग के अधिकारी कमलजीत सिंह के साथ जब इस संबंधी संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि इस संबंधी ठेकेदार ही जवाब दे सकते हैं। यहां बताना बनता है कि फोरेस्ट कंजरवेशन एक्ट 1927 व 1980 अनुसार किसी भी वन के क्षेत्रफल को बिना किसी स्वीकृति के किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं इस्तेमाल किया जा सकता। वन विभाग के जंगलात क्षेत्र में किसी को भी गैर -कानूनी तरीके से कब्जा करने की स्वीकृति नहीं दी जायेगी। जिन -जिन स्थानों पर बरनाला के वन विभाग के वन त क्षेत्रफल में शराब के ठेके खोले गए हैं उन ठेकेदारों के खिलाफ बनती कानूनी कार्रवाई की जायेगी व संबंधित विभाग के आधिकारियों के खिलाफ भी नोटिस लिया जाएगा।

मोनिका देवी यादव
डिवीजनल फोरेस्ट आॅफिसर

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