Heart Health : एडवांस तकनीक से दिल की गंभीर बीमारियों का इलाज आसान: Dr Akhil Rastogi

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Heart Health एडवांस तकनीक से दिल की गंभीर बीमारियों का इलाज आसान

बड़ौत सन्दीप दहिया। Heart Health : दिल की बीमारी अब गंभीर नही। एडवांस तकनीक से दिल से जुड़ी बीमारियों का इलाज (Heart Health ) अब आसान हो रहा है। उक्त बातें ग्रेटर नोएडा के यथार्थ हॉस्पिटल कार्डियक साइंस एंड सीटीवीएस के हेड डॉक्टर अखिल कुमार रस्तोगी ने बडौत नगर में पत्रकारवार्ता करते हुए बताई।उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है वहीं कार्डियक साइंस में काफी तरक्की भी हो रही है जिससे मरीजों को नया जीवन मिल रहा है। अब हार्ट ओपन किए बिना ही सर्जरी हो रही हैं और तकनीक इतनी एडवांस हो गई है कि मुश्किल से मुश्किल केस का सफल इलाज हो रहा है। Heart Health

उनका कहना है कि लेटेस्ट एडवांसमेंट की मदद से ऐसे केस भी सुलझाए जा रहे हैं जो बिल्कुल बॉर्डर लाइन पर होते हैं। डॉ अखिल रस्तोगी ने बताया कि हैरानी की बात ये है कि 25-40 वर्ष के बीच के लोगों में दिल की बीमारियां काफी बढ़ी हैं। एक अनुमान के मुताबिक, भारत में हर चार में से एक मौत हल्के लक्षणों को इग्नोर करने के कारण होती है। आजकल कई तरह की कार्डियक सर्जरी उपलब्ध हैं। Heart Health

इनमें बैलून माइट्रल वाल्वोप्लास्टी, बैलून एट्रियल वाल्वोप्लास्टी, एट्रियल सेप्टल या वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट क्लोजर हैं। वाल्व और जन्मजात समस्याओं के लिए भी इसी तरह की प्रक्रियाएं उपलब्ध हैं। कार्डियक सर्जरी के लिए आजकल तीव्र दिल के दौरे पड़ने पर रेडियल रूट प्राइमरी पीटीसीए है, हार्ट ओपन किए बिना वाल्व बदलने के लिए टीएवीआई प्रक्रिया है और ओपन हार्ट सर्जरी के बिना माइट्रल वाल्व में रिसाव की रिपेयरिंग के लिए माइट्रा क्लिप है। Heart Health

उन्होंने बताया कि ट्रांस-एओर्टिक वाल्वुलर इंटरवेंशन (TAVI)-कार्डियक साइंस के क्षेत्र में प्रगति के साथ, तीव्र दिल के दौरे पड़ने पर रेडियल रूट प्राइमरी पीटीसीए है, हार्ट ओपन किए बिना वाल्व बदलने के लिए टीएवीआई प्रक्रिया में परक्यूटीनियस तकनीक ने इलाज में क्रांति ला दी है। टीएवीआर एक ऐसी प्रक्रिया है जहां एओर्टिक वाल्व पेरिफेरल आर्टेरियल के जरिए इम्प्लांट किया जाता है। हार्ट फेल के गंभीर मामलों में ईसीएमओ, एलवीएडी और हार्ट लंग ट्रांसप्लांट जैसी प्रक्रियाओं ने एंड स्टेज के हार्ट पेशंट को नया जीवन दिया है

माइट्रा क्लिप-वाल्वुलर हार्ट की जटिलताएं एक और घातक चीज है और इसमें वाल्व बदलना ही लास्ट विकल्प बचता है. लेकिन अब माइट्रा क्लिप को कैथेटर की मदद से लगाकर बिना सर्जरी के ही वाल्व की रिपेयरिंग कर दी जाती है। माइट्रा क्लिप एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कैथेटर के जरिए दिल में वाल्व लगा दिए जाते हैं। इस प्रक्रिया में नसों के जरिए कैथेटर को इंट्रा ट्रायल सेप्टम में छेद करके दिल के राइट चैंबर से लेफ्ट चैंबर में भेजा जाता है।

इसके बाद इकोकार्डियोग्राफी और एक्स-रे की मदद से लीक होने वाले वाल्व पर क्लिप लगाई जाती है, जिससे मरीज की स्थित में सुधार होता है। इस प्रक्रिया के 24-48 घंटे के अंदर मरीज को डिस्चार्ज किया जा सकता है। दिल का क्रायोब्लेशन- ये एक बहुत ही लेटेस्ट तकनीक है। ये एक मिनिमली इनवेसिव प्रक्रिया है यानी इसमें बहुत ही चीर-काट की जाती है। ये एक बहुत ही सुरक्षित प्रक्रिया है और इसमें स्वस्थ टिशू और आसपास के किसी हिस्से को नुकसान पहुंचने की आशंका जीरो रहती है।

माइक्रा AV पेसमेकर- पेसमेकर तकनीक में ये एक बहुत ही क्रांतिकारी चीज आई है। ये डिवाइस दुनिया में सबसे छोटा पेसमेकर है जिसकी बैटरी लाइफ 15 साल है। इसका वजन केवल 15 ग्राम है और इसमें डुअल चैंबर की क्षमता है। आज की तारीख तक, ये डिवाइस भारत के सिर्फ दो अस्पतालों में इंप्लांट की जाती है। परंपरागत पेसमेकर्स की तुलना में इसके इस्तेमाल से 63 फीसदी दिक्कतें कम हुई हैं. माइक्रा एवी को पैर की नस के जरिए दिल में लगाया जाता है, जिसके चलते दिल में किसी तरह के कट लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती और इसमें किसी तरह के इंफेक्शन का चांस भी नहीं रहता है।