डोंगलांग इलाके में तनाव खत्म करना है तो भारतीय सेना को पीछे हटना होगा: चीन

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चीन डोकलम इलाके में कर रहा सड़क निर्माण

बीजिंग:  सिक्किम से सटे बॉर्डर पर भारत-चीन के सैनिकों के बीच करीब एक महीने से टकराव बरकरार है। मंगलवार को चीन ने इस मुद्दे पर भारत के साथ समझौते की गुंजाइश से साफ इनकार कर दिया। चीन ने इस विवाद को गंभीर बताते हुए सुलझाने की जिम्मेदारी भारत पर डाल दी।

चीन का मानना है कि अगर डोंगलांग इलाके में तनाव खत्म करना है तो भारतीय सेना को पीछे हटना होगा। वरना चीनी सैनिक कार्रवाई करेंगे। चीन उलटे ही भारतीय सेना पर घुसपैठ का आरोप लगा रहा है। चीनी अखबार की प्रतिक्रिया से एक बात तो साफ है कि चीन भारत के साथ जंग के मूड में है। चीन डोकलम इलाके में सड़क निर्माण कर रहा है, जिसका विरोध करने के लिए भारत भूटान को उकसा रहा है।

भारत भूटान को चीन के खिलाफ विरोध के लिए उकसा रहा

भारत का मकसद चीन के डोंगलांग इलाके को विवादित क्षेत्र में तब्दील करना है और चीनी निर्माण कार्य को रोकना है। चीनी अखबार ने कहा कि भारत को पहले आइना देखना चाहिए। उसके पास चीनी सैनिकों के घुसपैठ के सबूत नहीं हैं। इसके अलावा चीन के यांग सिलिंग अखबार ने कहा कि भारत भूटान को चीन के खिलाफ विरोध के लिए उकसा रहा है। मालूम हो कि चीनी सेना ने डोकलम इलाके में घुसपैठ की थी और दो बंकर तैनात कर दिए थे।

 इस विवाद से अगर सही तरीके से नहीं निपटा गया तो इससे ‘जंग’ छिड़ सकती है

भारत में चीन के एम्बेसडर लू झाओहुई ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा गेंद भारत के पाले में है और भारत को यह तय करना है कि किन ऑप्शंस को अपनाकर इस टकराव को खत्म किया जा सकता है। ऑफिशियल चीनी मीडिया और थिंक टैंक के जंग को लेकर दिए स्टेटमेंट पर उन्होंने कहा कई ऑप्शंस पर बात हो रही है।

यह आपकी सरकार की पॉलिसी (सैन्य विकल्प का इस्तेमाल करना है या नहीं) पर डिपेंड करता है।इससे पहले चीन के सरकारी मीडिया और थिंक टैंक ने कहा था कि इस विवाद से अगर सही तरीके से नहीं निपटा गया तो इससे ‘जंग’ छिड़ सकती है। चीन सरकार इस बात को लेकर बेहद साफ है कि वह इस टकराव का शांतिपूर्ण हल चाहती है और इसके लिए इलाके से भारतीय सैनिकों की वापसी एक शर्त है। चीन और भारत के बीच इस शर्त को पूरा करने के बाद ही बातचीत हो सकती है।

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