बरसात से हजारों एकड़ धान की फसल डूबी

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परेशानी। किसानों को लगभग साढ़े पांच करोड़ का नुक्सान

  • बरसात के कारण अनाज मंड़ियों में पड़ी मक्के की फसल खराब

कुरुक्षेत्र (देवीलाल बारना)। पिछले तीन दिनों से हो रही बरसात के कारण हुए जलभराव से जिले भर में लगभग 10 हजार एकड़ धान की फसल डूब गई है। जिससे किसानों का करोड़ों रूपए का नुकसान होने हुआ है। वहीं काफी किसानों की अनाज मंडियों में मक्के की फसल भीग कर खराब हो गई है। प्री मानसून की इस बरसात के कारण किसान काफी चिंतित दिखाई दे रहा है।

वहीं मौसम विभाग की यदि मानें तो आगामी 4 दिनों तक जिले में बरसात होने के आसार हैं। ऐसे में धरतीपुत्र की फसलों में और भी ज्यादा नुकसान होने की आशंका है, ऐसे में किसान वर्ग काफी चिंता मे है। लगातार पिछले कई सीजनों से घाटे की मार झेल रहे अन्नदाता को आगे भी कोई ज्यादा फायदा दिखाई नही दे रहा है।

कई सीजनों से न तो किसान अपने खेतों से भरपूर उत्पादन ले पा रहे हैं और न ही व्यापारियों द्वारा किसानों की फसलों के उचित दाम मिल रहे हैं, जिससे ज्यादातर किसान आज कर्जे के बोझ तले दब गए हैं।

ऐसे में काफी किसान अपने पुस्तैनी काम खेती को छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं। 15 जून के बाद से किसानों अपने खेतों में धान की रोपाई शुरु कर दी थी और 27 जून तक लगभग किसानों ने धान की रोपाई पूरी कर ली, लेकिन पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बरसात के कारण काफी किसानों की धान की फसल बरसात के पानी डूब गई है। जिससे किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

अधिकतर फसलों के खराब होने की आशंका

जिले की लगभग 10 हजार एकड़ धान बरसात के पानी में डूब गया है। जिसमें से लगभग 2500 एकड धान के खेतों से एक दो दिन में पानी कम हो जाने की संभावना है। लेकिन लगभग साढ़े 7 हजार एकड़ धान की फसल खराब होने की आश्ांका जताई जा रहा है। सरकारी आंकडेÞ के अनुसार जिले भर में साढ़े 7 हजार एकड़ में किसानों को लगभग साढेÞÞ पांच करोड़ रूपए का नुकसान होना संभावित है।

फसल बीमा के तहत मिलेगा मुआवजा

कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. कर्मचंद ने बताया कि जिन किसानों ने अपनी फसलों का बीमा करवाया है। उन किसानों को धान की फसल के खराबे का मुआवजा बीमा कंपनी द्वारा दिया जाएगा। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि खराब हुई धान की फसल के जल्द ही फार्म भरे जाएंगे। जिन किसानों की धान की फसल बरसात के पानी में डूबने से खराब हुई है वे मुआवजे के लिए फार्म भर कर जमा करवा सकेंगे।

मंडियों में पड़ा मक्का हुआ अंकुरित

तीन दिनों से लगातार हो रही बरसात के कारण अनाज मंडियों में पड़ी मक्के की फसल अंकुरित हो गई है। जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है। किसानों के अनुसार व्यापारियों द्वारा मक्का न खरीदे जाने के कारण उन्होने मक्के से नमी दूर करने के लिए अनाज मंडी में मक्का सुखाया था, लेकिन नमी सुखाने के चक्कर में उनकी पूरी फसल बरसात में खराब हो गई है। थानेसर अनाज मंडी की यदि बात करें तो यहां लगभग 1500 क्विंटल मक्का बरसात के कारण खराब हो गया है।

कहां से लाएं पौध

खराब हुई धान की फसल से किसानों के सामने एक नई समस्या खड़ी हो गई कि इस वक्त वे धान रोपित करने के लिए पौध कहां से लांएंगे क्योंकि लगभग किसानों ने धान रोपित कर दिया था और पौध भी लगभग समाप्त हो गई है। यदि अब पौध की बुआई की जाए तो लगभग एक माह में पौध तैयार होगी, लेकिन तब तक धान रोपाई का समय ही चला जाएगा।

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