खुद पे यकीन, बेधड़क फैसले, आत्मविश्वास ऐसे आयेगा, पढ़े गुरु जी के शानदार वचन

बरनावा (सच कहूँ न्यूज)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी ने ऑन लाइन रूहानी सत्संग के दौरान फरमाया कि आज इन्सान भौतिकावाद में इस कदर फसा हुआ है कि उसे अपने आप के लिए फुर्सत नहीं। परिवार के अलावा और देश समाज के लिए सोचने की फुर्सत नहीं। और कर्इं तो परिवार के तरफ भी ध्यान नहीं देते। सिर्फ और सिर्फ गर्ज-स्वार्थ, लोभ, लालच में उलझे हुए है। अपने आप में इन्सानों को भरोसा कम होता जा रहा है।

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जब खुद पे यकीन डगमगाने लगता है तो काई भी काम धंधा करते हो, पढ़ते हो, खेलते हो, एग्रिकल्चर है, बिजनेस है कोई भी काम धंधा आप करते हैं उसमें भी आपके अंदर एकाग्रता नहीं आती। सफल आप नहीं हो पाते। आज के दौर में आदमी जिंदगी कैसे जीये, भरोसा करना पड़ता है और भरोसे के लायक कौन है ये देखने वाली बात होती है, सोचने वाली बात होती है। भरोसे बैगेर कोई काम चलता ही नहीं। आप रिश्ते नाते जोड़ते हैं तो भी भरोसा ही होता है। आप काम धंधा करते हैं, कोई भी साजो सामान खरीदते हैं, उसमें भी तो भरोसा ही होता है। कोई भी कपड़ा लिया आपने, कोई सामान लिया आपने उसकी गारंटी पर हम जो भी दी जाती है यकीन करना पड़ता है।

हमारी ज्ञान इन्द्रियां किसी भी तरह से नहीं बता पाती कि वाकई ये कपड़ा इतना समय चलेगा। वाकई इसकी क्वालिटी ऐसी है तो भरोसा पहले खुद पे आना जरूरी होता है। बहुत सारे बच्चे आज के टाइम में डबल माइंड, ट्रीपल माइंड पता नहीं कितने तरीके की सोच में उलझे रहते हैं। जब तक आपको आपके ऊपर विश्वास नहीं, जब तक आपके अंदर आत्मबल नहीं, आत्मविश्वास नहीं आप कभी भी सफलता हासिल नहीं कर पाते जिसके लायक आप होते हैं। अपने आप में विश्वास करना चाहिए। पर कैसे? अपने आप में यकीन आए तो कैसे ंआए? विल पॉवर, आत्मबल वो एक ऐसी शक्ति है अगर उसको बढ़ा लिया जाए तो खुद पे भी यकीन आने लगता है और फैसले भी आप बेधड़क होके ले सकते हैं।

आत्मबल हर क्षेत्र में जरूरी

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि ये विल पॉवर सबके अंदर रहता है। बाहर से नहीं खरीदना, अपने अंदर से पैदा करना, अंदर से पैदा करने के लिए गुरुमंत्रा, नाम-शब्द, कलमा, मैथड, युक्ति, विधि, तरीका वो ही ऐसा है जिसकी वजह से आपके अंदर का यकीन मजबुत होगा। आत्मबल आएगा और आत्मबल के द्वारा ही आप सही फैसला ले पाएंगे। कर्इं बार एक्सिीडेंट होते है तो डबल माइंड के कारण भी हो जाते हैं। मैं क्रॉस करूं या ना करूं इतने में देरी हो जाती है और वो दुर्घटना हो जाती है जो सोची नहीं। इसलिए आत्मबल हर क्षेत्र में जरूरी है।

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