दो मजहबों के भाईचारे ने पेश की इन्सानियत की मिसाल, मुस्लिम भाईयों ने भरा हिंदू बेटी का भात

Charkhi-Dadri
  • रितू की शादी के भात में भातियों ने 20 हजार नकद, कपड़े व गहनों सहित अन्य सामान दिया
  • इस्लाम ने मंदिर और गौशाला के लिए भी दिया दान

सच कहूँ/इन्द्रवेश
चरखी दादरी। हिंदू-मुस्लिम समाज ने आपसी सद्भावना व भाईचारे की अनोखी मिसाल पेश की है। चरखी दादरी में 22 साल पहले मुस्लिम भाई को धर्मभाई बनाकर हिंदू बहन ने राखी बांधी थी। मुस्लिम धर्म भाई ने उसी बहन की बेटी की शादी में भात भरकर अपना फर्ज निभाया। धर्मभाई इकराम मलिक व इस्लाम मलिक 14 भातियों के साथ धर्म बहन के घर भात भरने पहुंचे और हिंदू रीति रिवाज के अनुसार भातियों ने सभी रस्में निभाई। दो मजहबों के बीच इस आपसी भाईचारे की हर कोई सराहना कर रहा है।

सभी त्यौहारों को मिलकर मनाते हैं परिवार

इकराम मलिक ने बताया कि दोनों के परिवार काफी समय से एक-दूसरे का साथ देते आ रहे हैं और सभी त्यौहारों को मिलकर मनाते हैं। धर्म बहन लता ने दरवाजे पर भातियों को तिलक लगाकर स्वागत किया और घर के आंगन में भात लिया। भात में 20 हजार रुपए नकद, कपड़े, गहनों सहित हिंदू रस्मों के अनुसार मंदिर व गौशाला में भी दान दिया है। बहन का भात भरकर आपसी भाईचारा बढ़ा है।

वहीं दुल्हन के भाई जीवन ने बताया कि समाज में हिंदू-मुस्लिम को लेकर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा अफवाहें फैलाई जाती हैं, लेकिन मुस्लिम समाज के भाइयों ने भात भरकर सद्भावना के साथ भाईचारे की मिसाल कायम की है। वहीं मुस्लिम समाज की निशा ने बताया कि दोनों परिवारों के बीच कोई धर्म आड़े नहीं आया। हमेशा लता को ननद व माजा-भांजे के रिश्ते अनुसार लगातार 25 सालों से एक-दूसरे के घरों में दोनों मजहबों के त्यौहार खुशी से मनाते आ रहे हैं।

आपसी भाईचारे को मिला बढ़ावा

बता दें कि मूलरूप से उत्तराखंड निवासी लक्ष्मण व लता परिवार सहित करीब 25 सालों से दादरी शहर में रह रहे हैं। वहीं इस्लाम व इकराम मलिक का परिवार भी उनके पड़ोस में रह रहा है। रविवार को लता की बेटी की शादी थी और मजबूरीवश भात भरने उसका भाई नहीं आ सका। जैसे ही यह जानकारी मुस्लिम भाइयों को मिली तो 22 साल पहले धर्मभाइयों ने मुस्लिम इंतजामिया कमेटी पदाधिकारियों के साथ पंहुचकर हिंदू रीति-रिवाज अनुसार रितू का भात भरा। हिंदू बहन लता ने बताया कि उसकी बेटी रितू की 23 अप्रैल को शादी हुई। भात की रस्म अदा करने मुस्लिम भाईचारे से इस्लाम और इकराम मलिक ने धर्म भाई का फर्ज निभाया है। इस शादी में धर्म भाइयों ने समाज में आपसी भाईचारे की नई मिसाल पेश की है।

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