किताबों का इंतजार, विद्यार्थी लाचार

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डिमांड के बाद भी अभी तक स्कूलों में नहीं भेजी गई पाठ्यक्रम पुस्तकें

  • पाठ्य पुस्तकों के पारस्परिक आदान प्रदान करने में लगे हैं विद्यार्थी

सच कहूँ/सुनील वर्मा, सरसा। सरकारी स्कूलों में डिमांड भेजने के बाद भी अभी तक पुस्तकें नहीं भेजी गई है। ऐसे में पाठ्य पुस्तकों के पारस्परिक आदान प्रदान करने में विद्यार्थी लगे हुए हैं। इसके लिए सरकारी स्कूलों में विद्यार्थी पुस्तके लेने के लिए पहुंच रहे हैं। पुस्तकों के आदान प्रदान करने के लिए स्कूल मुखिया, अध्यापक व स्कूल प्रबंधन कमेटी के सदस्य सहयोग कर रहे हैं। इस संदर्भ में बच्चों की मद्द के लिए अभिभावकों के मोबाइल नबंर भी अध्यापक उपलब्ध करवा रहे हैं।

दिसंबर में भेजी गई डिमांड

शिक्षा का सत्र अप्रैल माह में शुरू हो जाता है। कोरोना संक्रमण को लेकर 15 जून से शिक्षा का सत्र शुरू होगा। विभाग के पास दिसंबर 2020 में डिमांड भेज दी गई। स्कूलों में फरवरी माह में पुस्तक भेजी जानी थी। स्कूलों में अभी तक पुस्तके नहीं भेजे जाने से विद्यार्थियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। स्कूलों में पहुंचकर पुस्तकों को आदान प्रदान करने पड़ रहा है। कोरोना संक्रमण को लेकर कई अभिभावक भी बच्चों को पुस्तक आदान प्रदान करने में कतरा रहे है।

पहले भी देरी से मिलती रही हैं पुस्तकें

सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक पढ़ने वाले विद्यार्थियों को शिक्षा विभाग द्वारा ही पाठ्यक्रम पुस्तकें उपलब्ध करवाई जाती है। शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद देरी से पुस्तकें पहुंचती थी। इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित होती थी। इसी को लेकर शिक्षा विभाग ने पिछले शिक्षा सत्र से पहले पुस्तकें भेजने का प्लान तैयार किया। इसके बाद भी समय पर पुस्तकें नहीं पहुंची है।

‘‘स्कूलों के विद्यार्थी पुस्तकों का आदान प्रदान कर रहे हैं। अभी तक पाठ्यक्रम पुस्तकें नहीं पहुंची है। हालांकि पुस्तकों की डिमांड दिसंबरमाह में भेज दी गई थी। कोरोना संक्रमण को लेकर 15 जून के बाद शिक्षा का सत्र शुरू होगा। शिक्षा के नये सत्र में ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जाएगी।

शशि सचदेवा, सहायक जिला परियोजना अधिकारी, समग्र शिक्षा अभियान सरसा।

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