धोखेबाज चीन

China Conspiracy

यह बात अब मान लेनी चाहिए है कि चीन का रवैया आज भी 1962 जैसा ही है। तब चीन ने भारत पर शत्रुता की नीयत से हमला किया लेकिन यह सिलसिला निरंतर जारी है। चीन का उद्देश्य मौका तलाशकर हमला कर सीमा से सटी भारत की जमीन पर कब्जा करना है। एक हमले के बाद चीन शांति व सद्भाव की बातें करता है, लेकिन कुछ समय बीतने के बाद फिर पुरानी नीति पर काम करना शुरू कर देता है। कभी सिक्किम, लद्दाख व कभी अरूणाचल प्रदेश में भारतीय सेना के जवानों पर हमला करवाता है। ताजा घटना में 600 चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुसे, फिर जबाव में भारतीय सैनिकों ने उन्हें खदेड़ दिया।

चीन ने हमले की नीयत से 1967 में सिक्किम-तिब्बत बॉर्डर पर हमला किया जब भारत के 80 सैनिक शहीद हुए और चीन के 400 सैनिक मारे गए। चीन की नीयत इस बात से समझ आती है कि शांति व सद्भाव की बातें कर आठ साल बाद फिर 1975 में अरूणाचल प्रदेश में हमला किया। चीन ने इसी तरह 1987, 2017 में भी भारतीय सैनिकों पर हमला किया, यही नहीं 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के हमले में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए। अब केवल दो वर्ष बाद ही चीन ने अरूणाचल प्रदेश में हमला किया। सैकड़ों बैठकें करने, सेना सीमा से हटाने जैसे ऐलानों के बावजूद चीन की नीति व नीयत में कोई अंतर नजर नहीं आ रहा। वास्तव में शत्रु-शत्रु में अंतर होता है।

पाकिस्तान खुलकर भारत का विरोध करता है और चीन शांति की बातें कर भीतरघात से भारत पर हमला करता है। मित्र जैसा नजर आने वाला दुश्मन ज्यादा खतरनाक होता है। ऐसे में भारत को दोनों देशों के संबंध में अलग-अलग नीति बनानी चाहिए। बार-बार हमले होने की घटनाएं यह संदेश देती हैं कि चीन अपनी इस नीति को आगे बढ़ाकर सफल होने की मंशा रखता है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि चीन भारत को युद्ध के लिए उकसाने की कोशिश कर रहा है। भारत युद्ध नहीं चाहता व लगातार आर्थिक व सैन्य ताकत के रूप में उभर रहा है। अब समय आ गया है कि भारत चीन के साथ होने वाली बैठकों में चीन के भरोसे व वायदों पर विश्वास करने की बजाए वास्तविक्ता को समझे।

भले ही भारत ने बराबर जवाब दिया है लेकिन घटनाओं को दोहराना ही चीन का मकसद नजर आ रहा है। अब वैश्विक स्तर पर लगभग हर देश से दगाबाजी करने वाले ड्रेगन को सबक सिखाने के लिए वैश्विक स्तर पर एक रणनीति पर विचार कर उसे अमली जामा पहनाना होगा। वक्त रहते अगर देश दुनिया ने चीन को सबक नहीं सिखाया तो यह देश दुनिया के लिए खतरनाक साबित होगा।

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