दूसरे दौर का ‘लाकडाउन’ शुरू, अब पहले से अधिक सख्ती

Second round 'lockdown' starts now more vigorously than before

 लापरवाही पड़ेगी भारी, होगी छापेमारी

चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा में सोमवार सुबह पांच बजे से एक सप्ताह के लाकडाउन का दूसरा दौर शुरू हो गया है। कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए प्रदेश सरकार अब और सख्ती बरतेगी। गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने पुलिस और स्थानीय विभाग के अफसरों को ‘महामारी अलर्ट-सुरक्षित हरियाणा’ मुहिम के तहत लापरवाह लोगों के प्रति कोई रियायत नहीं बरतने के निर्देश दिए हैं। सार्वजनिक स्थलों के साथ ही सेक्टरों और कालोनियों में टीमें उतारकर अनावश्यक घूमते या फिर बगैर मास्क के मिलने वाले लोगों के चालान काटे जाएंगे। गांवों में भी सख्ती बढ़ा दी गई है।

विज ने कहा कि ‘महामारी अलर्ट, सुरक्षित हरियाणा’ अभियान 17 मई तक लागू रहेगा। पहले जो सात दिन का लाक डाउन लगाया गया था, उसके साथ कुछ और नियम जोड़ दिए गए हैं। बारात और जुलूस निकालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। शादी भी घर के अंदर हो सकती है जिसमें केवल 11 व्यक्ति शामिल हो सकते हैं। दाह संस्कार में भी केवल 11 आदमी ही इकट्ठा हो सकते हैं। जरूरत पड़ी तो नियमों को और सख्त किया जाएगा क्योंकि संक्रमण को फैलने से रोकना है। विज ने बताया कि कुछ आवश्यक सेवाओं जैसे दवाइयों, करियाना, दूध, फल-सब्जियों को छूट दी गई है।

सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि इनके लिए भी नियम बनाए जाएं ताकि भीड़ न बढ़े। हर दुकानदार को अपनी दुकान के आगे गोल निशान लगाने अनिवार्य होंगे ताकि शारीरिक दूरी बनी रहे। जो दुकानदार नियमों को नहीं मानेंगे, उनकी दुकानों को बंद करा दिया जाएगा।

शराब तस्करी की तह तक जाएंगे एसपी

विज ने लाकडाउन के दौरान फतेहाबाद और चरखी दादरी में शराब तस्करी के मामले में कड़ा संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक को सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में बिल्कुल भी ढील नहीं बरती जाएगी। सिर्फ ड्राइवरों के खिलाफ कार्रवाई से काम नहीं चलेगा। जहां से यह शराब निकली है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

काले फंगस का कर रहे इलाज

हरियाणा मे कोविड के बाद काले फंगस की समस्या पर विज ने कहा कि विशेषज्ञ बता रहे हैं कि कोविड के बाद इसकी समस्या आ रही है। इस समस्या का इलाज है और डाक्टर दवाइयां भी दे रहे हैं। विज ने कहा कि कोरोना में हमारी मृत्यु दर कम है। मरीजों के ठीक होने की दर ज्यादा है। हर आदमी अपनी क्षमता के अनुसार महामारी से जंग में सहयोग कर रहा है। कोई पीपीई किट दे रहा है तो कोई ऑक्सीजन कंसंट्रेटर या कुछ और संसाधन। कुछ लोग बैठ कर सिर्फ आलोचना कर रहे हैं।

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