GST: पुरानी ज्वैलरी के बदले नई ज्वैलरी लेने पर भी लगेगा पूरा टैक्स

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नई दिल्ली: अगर आप पुरानी ज्वैलरी देकर नई ज्वैलरी खरीदते हैं तब भी नई की पूरी कीमत पर जीएसटी लगेगा। जीएसटी कमिश्नर उपेंद्र गुप्ता ने ये बात कही। उन्होंने बताया कि नई टैक्स व्यवस्था में घर बनाना सस्ता होगा। इंडस्ट्री की अधूरी तैयारी पर उनका कहना है कि पहला रिटर्न फाइल करने में अभी 40 दिनों से ज्यादा का वक्त है, उन्हें काफी समय मिलेगा।

क्या है GST?

GST का मतलब गुड्स एंड सर्विसेस टैक्‍स है। इसको केंद्र और राज्‍यों के 17 से ज्‍यादा इनडायरेक्‍ट टैक्‍स के बदले में लागू किया जाएगा। ये ऐसा टैक्‍स है, जो देशभर में किसी भी गुड्स या सर्विसेस की मैन्‍युफैक्‍चरिंग, बिक्री और इस्‍तेमाल पर लागू होगा।

इससे एक्‍साइज ड्यूटी, सेंट्रल सेल्स टैक्स (सीएसटी), स्टेट के सेल्स टैक्स यानी वैट, एंट्री टैक्स, लॉटरी टैक्स, स्टैम्प ड्यूटी, टेलिकॉम लाइसेंस फीस, टर्नओवर टैक्स, बिजली के इस्तेमाल या बिक्री और गुड्स के ट्रांसपोर्टेशन पर लगने वाले टैक्स खत्म हो जाएंगे।

सरल शब्‍दों में कहें तो GST पूरे देश के लिए इनडायरेक्‍ट टैक्‍स है, जो भारत को एक समान बाजार बनाएगा। GST लागू होने पर सभी राज्यों में लगभग सभी गुड्स एक ही कीमत पर मिलेंगे।अभी एक ही चीज के लिए दो राज्यों में अलग-अलग कीमत चुकानी पड़ती है।

इसकी वजह अलग-अलग राज्यों में लगने वाले टैक्स हैं। इसके लागू होने के बाद देश बहुत हद तक सिंगल मार्केट बन जाएगा।

GST लागू होने से क्या होगा?

GST यानी गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स। इसे केंद्र और राज्यों के 17 से ज्यादा इनडायरेक्ट टैक्स के बदले लगाया जा रहा है। GST के बाद एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, एडिशनल कस्टम ड्यूटी, स्पेशल एडिशनल ड्यूटी ऑफ कस्टम, वैट/सेल्स टैक्स, सेंट्रल सेल्स टैक्स, एंटरटेनमेंट टैक्स, ऑक्ट्रॉय एंड एंट्री टैक्स, लग्जरी जैसे टैक्स खत्म होंगे।

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