अब दूसरों के आँखों को उजाला देगी हरीश की आंखें

Harish eyes will light up the eyes of others

मृत्यु उपरांत नेत्रदान का लिया था संकल्प

भिवानी (सच कहूँ न्यूज)। भिवानी शहर के जैन चौक निवासी 61 वर्षीय हरीश आज भले ही दुनिया में न हो, परंतु उनकी आंखें आज भी दुनिया देखती रहेंगी। यह सब संभव हो पाया है हरीश के मृत्यु उपरांत नेत्रदान प्रण के चलते।  डेरा सच्चा सौदा की ब्लड डोनेशन समिति के जिम्मेवार मनीष इन्सां के पिता हरीश के बारे में जानकारी देते हुए सेवादार मनोज इन्सां, नरेश इन्सां व राजू इन्सां ने बताया कि पुज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत रामरहीम सिंह जी इन्सां की प्रेरणा से हरीश ने नेत्रदान करने का प्रण लिया हुआ था।

मंगलवार सुबह साढ़े 6 बजे उनकी अचानक मृत्यु हो गई। वे पिछले दो दिन से बीमार थे। वे अपने पीछे पत्नी, बेटा, बेटी व दोहते, पौतों सहित भरा-पूरा परिवार छोड़ गए। उनकी मृत्यु के उपरांत भिवानी जालान आंखों के अस्पताल के नेत्र बैंक को सूचित किया गया। जिसके बाद डॉ. शिल्पा की अगुवाई में टीम उनके घर पहुंची तथा उनकी आंखें सुरक्षित रख ली। जिनका उपयोग किसी नेत्रहीन को दृष्टि देने में किया जाएगा।  गौरतलब है कि हरीश मृत्यु उपरांत ही अपने नेत्रदान के प्रण के चलते सदा किए जाते रहेंगे।

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